Rajasthan News: राजस्थान मानवाधिकार आयोग ने दिवाली के मौके पर खाद्य पदार्थों में बढ़ती मिलावट पर गहरी चिंता जताई है। आयोग ने जयपुर, अजमेर, भरतपुर, जोधपुर, बीकानेर और अलवर जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएमएचओ) को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। साथ ही, मिलावट रोकने के लिए नियमित आकस्मिक छापेमारी भी करने के निर्देश दिए गए हैं।

रिपोर्टिंग की सख्त निगरानी
आयोग ने इन अधिकारियों से हर 15 दिनों में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश भी दिया है। यह निर्देश आयोग के अध्यक्ष जस्टिस जीआर मूलचंदानी ने बेकरी उत्पादों में मिलावट से जुड़ी सुनवाई के दौरान दिए। इसके अलावा, खाद्य आयुक्त से जयपुर शहर और जिले में तैनात खाद्य निरीक्षकों की पूरी जानकारी और मिलावट रोकने के प्रयासों की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी गई है।
खाद्य सुरक्षा पर बैठक की तैयारी
आयोग ने कहा कि मिलावट की गंभीरता को देखते हुए जल्द ही खाद्य सुरक्षा आयुक्त और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। आयोग ने यह भी कहा कि बेकरी उत्पादों के अलावा, खाद्य पदार्थों में हानिकारक कृत्रिम रंग, तेल, घी, दूध, पनीर, और मिठाइयों में मिलावट की स्थिति चिंताजनक है।
हालांकि, खाद्य और चिकित्सा विभाग समय-समय पर कार्रवाई कर रहा है, फिर भी देसी घी, मिठाई, तेल, नमकीन, पनीर, दूध और मसालों में मिलावट के मामलों में कोई कमी नहीं आ रही है, जो उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है।
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