Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल ‘राइजिंग राजस्थान’ जैसे भव्य आयोजन पर करोड़ों रुपये खर्च किए, लेकिन जयपुर डिस्कॉम की लचर कार्यप्रणाली निवेशकों की राह में रोड़ा बन रही है।

जयपुर से लेकर भिवाड़ी जैसे औद्योगिक हब तक करीब 400 औद्योगिक बिजली कनेक्शन डिस्कॉम कार्यालयों में अटके पड़े हैं। डिस्कॉम के इंजीनियर मनमाने आपत्तियों के साथ कनेक्शन की फाइलें रोक रहे हैं या लौटा रहे हैं, जिससे निवेशक परेशान होकर लौट रहे हैं। इस स्थिति पर डिस्कॉम प्रबंधन के आला अधिकारी मौन हैं।

‘राइजिंग राजस्थान’ जैसे आयोजनों का उद्देश्य राज्य में औद्योगिक विकास को गति देना था, लेकिन बिजली कनेक्शन की पेंडेंसी इस लक्ष्य को कमजोर कर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए डिस्कॉम की कार्यप्रणाली में सुधार और प्रक्रिया को सरल करना होगा। नहीं तो, निवेश की बड़ी योजनाएं कागजों तक ही सीमित रह जाएंगी।

सर्वाधिक पेंडेंसी जयपुर और भिवाड़ी में

रिपोर्ट के अनुसार, जयपुर डिस्कॉम के तहत जयपुर शहर और जिले में 131 औद्योगिक कनेक्शन लंबित हैं, जो सबसे ज्यादा हैं। इसके बाद अलवर जिले के भिवाड़ी, नीमराणा और टपूकड़ा जैसे प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में 50 कनेक्शन अटके हुए हैं। वृहद, लघु और मध्यम उद्योगों को बिजली कनेक्शन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, जिससे निवेश की प्रक्रिया बाधित हो रही है।

निवेशकों की परेशानी, सरकार की चुनौती

सीतापुरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष नीलेश अग्रवाल ने कहा कि बिजली कनेक्शन के बिना उद्योग शुरू करना असंभव है। डिस्कॉम की मनमानी और गैर-पारदर्शी प्रक्रिया से निवेशक हताश हो रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि सरकार को राजस्थान में औद्योगिक निवेश को बढ़ाना है, तो बिजली कनेक्शन की प्रक्रिया को त्वरित और पारदर्शी करना होगा।

जयपुर डिस्कॉम का प्रबंधन न्यू कनेक्शन मैनेजमेंट पोर्टल के जरिए 24 घंटे घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक कनेक्शनों की स्थिति पर नजर रखता है। इसके बावजूद 400 औद्योगिक कनेक्शनों की पेंडेंसी का ‘पहाड़’ कम नहीं हो रहा। निवेशक डिस्कॉम कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन प्रबंधन इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है।

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