Rajasthan News: राज्य के सभी नगर निकायों में संचालित इंदिरा रसोई गरीब एवं जरूरतमंदो का पेट भरने के साथ-साथ अब देसी-विदेशी सैलानियों को भी रास आ रही है और वे यहां परोसे जाने वाले भोजन के स्वाद, पौष्टिकता और गुणवत्ता की तारीफ करते नहीं थकते। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ‘कोई भूखा ना सोए’ के संकल्प के साथ शुरू हुई इंदिरा रसोई योजना के तहत मात्र 8 रुपये में भरपेट पौष्टिक भोजन मिलता है। प्रदेश भर में अब तक 13 करोड़ 4 लाख से ज्यादा थालियां परोसी जा चुकी हैं।
मॉरिशियस की अनुराधा को लगा घर जैसा खाना
मॉरिशियस से जयपुर भ्रमण पर आई विदेशी सैलानी अनुराधा पूरन ने बताया कि उन्होंने पहले होटल में खाना खाया था, लेकिन जलमहल की पाल पर घूमते समय उन्हें इंदिरा रसोई का बोर्ड नजर आया। अनुराधा ने जब इंदिरा रसोई में भोजन किया तो यहां का खाना उन्हें पौष्टिक और घर जैसे स्वाद वाला लगा। उन्होंने बताया कि मात्र 8 रुपये में भरपेट खाना मिलने पर उन्हें आश्चर्य हुआ और यह जानकर प्रसन्नता हुई कि यह रसोई गरीबों और मजदूरीपेशा लोगों के लिए सम्मानपूर्वक पेट भरने में सहायक सिद्ध हो रही है। अनुराधा ने कहा कि जब कहीं घूमने जाते हैं तो कई बार हजारों रुपए खर्च करने के बाद भी अच्छा खाना नहीं मिल पाता है। लेकिन राजस्थान एकमात्र राज्य है, जो सिर्फ 8 रुपये में सभी लोगों को पौष्टिक भोजन दे रहा है।
‘अतिथि देवो भव’ की भावना से स्वागत
जलमहल पर हेनिमैन चेरिटेबल मिशन सोसाइटी द्वारा संचालित इंदिरा गांधी रसोई की संचालक श्रीमती मोनिका गुप्ता ने बताया कि हमारा प्रयास रहता है कि ‘अतिथि देवो भव’ की परंपरा निभाते हुए रसोई में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को आदर के साथ बिठाकर भोजन कराया जाए। अब विदेशी सैलानी भी यहां के भोजन को पसंद कर रहे हैं, जो राजस्थान के लिए गर्व की बात है।
संख्या के साथ बढ़ रही रसोइयों की लोकप्रियता
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा अगस्त-2020 में प्रदेश के सभी नगरीय निकाय में 358 रसोइयों के माध्यम से इंदिरा रसोई योजना का शुभारंभ किया गया। रसोइयों की बढ़ती लोकप्रियता के कारण इनकी संख्या को बढ़ाया गया और वर्तमान में शहरी क्षेत्र में 992 रसोइयों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा हैं। बजट घोषणा 2023-24 के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में भी एक हजार रसोइयां खोला जाना प्रस्तावित है।
पोषण और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
रसोई में भोजन की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाता है। आमजन को संतुलित आहार मिल सके इसके लिए मुख्य रूप से प्रति थाली 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती एवं अचार को सम्मिलित किया गया है। गुणवत्ता को बनाए रखने पर जोर देते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी समय-समय पर इन रसोइयों का दौरा कर चुके हैं और स्वयं भी इनमें भोजन करते हैं। साथ ही, उन्होंने प्रभारी मंत्रियों-अधिकारियों को भी इन रसोइयों में परोसे जाने वाले भोजन की समय-समय पर जांच करने के साथ महीने में एक बार इनमें भोजन करने की हिदायत दी हुई है।
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