Rajasthan News: राजस्थान के जैसलमेर के पास 14 अक्टूबर को हुए भीषण बस अग्निकांड ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हादसे में महिलाओं और बच्चों समेत 21 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई गंभीर रूप से झुलसे लोगों का इलाज वेंटिलेटर पर चल रहा है। अब इस मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने भी जांच शुरू कर दी है।
हादसे में क्षतिग्रस्त हुई बस (RJ 09 PA 8040) का पंजीकरण चित्तौड़गढ़ जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय में हुआ था। जांच में सामने आया कि यह बस नॉन एसी के रूप में पंजीकृत थी, लेकिन मालिक ने नियमों का उल्लंघन करते हुए इसे एसी में मॉडिफाई करवा लिया था।

चित्तौड़गढ़ जिला कलक्टर आलोक रंजन ने प्रादेशिक परिवहन अधिकारी कार्यालय का निरीक्षण किया और डीटीओ नीरज शाह तथा प्रादेशिक परिवहन अधिकारी नेमीचंद पारीक से जानकारी ली। जांच में यह भी पता चला कि बस की बॉडी तीन महीने में तैयार हुई थी और पंजीकरण 21 मई को किया गया था। इसके बाद बस में 15 दिन के भीतर एसी का परिवर्तन किया गया, जो नियमों के खिलाफ था।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए चित्तौड़गढ़ के डीटीओ सुरेंद्र सिंह गहलोत और सहायक प्रशासनिक अधिकारी चुन्नी लाल को निलंबित कर दिया है। एसीबी अब यह जांच कर रही है कि किस प्रकार नियमों का उल्लंघन करके बस का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किया गया। साथ ही बस मालिक की अन्य बसों की भी जांच की जा रही है।
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