Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर, धौलपुर और डीग जिलों के जाट समुदाय ने केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर हुंकार भर दी है। जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे स्थित डहरा मोड़ पर आयोजित महापंचायत में बड़ी संख्या में जाट समाज के लोग एकजुट हुए और आरक्षण के लिए आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया। इस महापंचायत में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल, भरतपुर सांसद संजना जाटव और धौलपुर सांसद भजनलाल जाटव भी शामिल हुए।

बेनीवाल का एलान: नहीं मानी मांग तो दिल्ली कूच

रैली को संबोधित करते हुए सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि भरतपुर, धौलपुर और डीग के जाटों को केंद्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के तहत आरक्षण मिलना चाहिए। “यह हमारा अधिकार है, और अब इस मुद्दे पर आर-पार की लड़ाई होगी। अगर केंद्र सरकार ने मांग नहीं मानी तो हजारों युवाओं के साथ दिल्ली कूच कर प्रधानमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा,” उन्होंने चेतावनी दी।

सिर्फ भर्ती नहीं, आरक्षण भी होगा बड़ा मुद्दा

बेनीवाल ने कहा कि आने वाले समय में सिर्फ SI भर्ती रद्द करने या RPSC पुनर्गठन जैसे मुद्दे नहीं, बल्कि भरतपुर, धौलपुर और डीग के जाटों के लिए केंद्र में आरक्षण सबसे बड़ा एजेंडा होगा। “अब यह आंदोलन केवल वादा नहीं, संघर्ष का रूप ले चुका है,” उन्होंने कहा।

संजना जाटव का समर्थन: संसद में उठाया मुद्दा

भरतपुर की सांसद संजना जाटव ने महापंचायत में कहा कि वह पहले भी संसद में इस मुद्दे को उठा चुकी हैं और आगे भी उठाती रहेंगी। मैं जाट समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हूं। जब तक भरतपुर, धौलपुर और डीग के जाटों को केंद्र में आरक्षण नहीं मिलता, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी।

प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

महापंचायत के बाद जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने राजस्थान के जाटों को केंद्र में आरक्षण दिया था, लेकिन भरतपुर, धौलपुर और डीग को इससे बाहर रखा गया। जबकि राज्य सेवाओं में इन जिलों के जाटों को आरक्षण प्राप्त है, केंद्र में नहीं।

ज्ञापन में यह भी कहा गया कि यह विसंगति जाट समाज के हजारों युवाओं के भविष्य पर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है। बार-बार आश्वासन के बावजूद इन तीन जिलों के जाटों को अब तक केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल नहीं किया गया है। समिति ने मांग की है कि तत्काल प्रभाव से भरतपुर, धौलपुर और डीग के जाटों को केंद्र की ओबीसी आरक्षण सूची में शामिल किया जाए।

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