Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में सरकारी स्कूल की इमारत गिरने से हुई 7 मासूमों की मौत ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। हादसे में एक ही परिवार के दो बच्चे भाई-बहन की मौत ने इंसानी संवेदना को भीतर तक हिला दिया।

शनिवार सुबह जब एसआरजी अस्पताल से सातों बच्चों के शव उनके घरों तक पहुंचाए गए, तो माहौल पूरी तरह मातम में बदल गया। कोई मां अपने बच्चे के शव से लिपटकर चीख रही थी, कोई पिता सूनी आंखों से खामोश बैठा था। पांच बच्चों का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर किया गया जो इस त्रासदी की भयावहता को और भी गहरा कर गया।

एक बेटा था, एक बेटी… अब आंगन सूना हो गया

छोटू लाल का परिवार उन सबसे ज्यादा पीड़ितों में है जिनके जीवन में ये हादसा कभी न भरने वाला शून्य छोड़ गया। उनके सात साल के बेटे कान्हा और दस साल की बेटी मीना की स्कूल भवन ढहने से मौके पर ही मौत हो गई।

मीना पढ़ाई में तेज थी, पांचवीं में टॉप करती थी। कान्हा ने हाल ही में स्कूल में दाखिला लिया था, अभी ठीक से लिखना भी नहीं सीखा था। हादसे के वक्त छोटू बच्चों को स्कूल छोड़कर घर लौटा ही था। मां रसोई में उनके लिए टिफिन तैयार कर रही थी उन्हें क्या पता था कि ये रोज की दिनचर्या उस दिन हमेशा के लिए टूट जाएगी। मां का कहना था, भगवान मुझे ले जाता, मेरे बच्चों को क्यों ले गया? मेरे दो ही बच्चे थे। अब किसके लिए जियूं?

मास्टर साहब बाहर क्या कर रहे थे?

घटना के समय स्कूल में मौजूद शिक्षकों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
एक अन्य पीड़ित माँ ने कहा, मास्टर खुद तो बाहर चले गए, बच्चों को अंदर छोड़ दिया। जब उन्हें पता था कि इमारत कमजोर है, तो क्यों नहीं पहले बताया? बाहर क्या कर रहे थे? इस सवाल ने हादसे की जिम्मेदारी तय करने की दिशा में प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

10-10 लाख का मुआवजा, 5 कर्मचारी सस्पेंड

मरने वालों में सबसे छोटा बच्चा सिर्फ 6 साल का था

पायल (12)

हरीश (8)

प्रियंका (12)

कुंदन (12)

कार्तिक

मीना (10)

कान्हा (7)

स्कूल शिक्षा मंत्री ने मृत बच्चों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके अलावा स्कूल के पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है और उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी गई है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि ज़रूरत पड़ी तो एफआईआर भी दर्ज की जाएगी और सस्पेंशन के बाद बर्खास्तगी तक की कार्रवाई हो सकती है।

नया स्कूल भवन बनेगा, दोषियों पर होगी कार्रवाई

झालावाड़ के कलेक्टर अजय सिंह ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि प्रशासन हरसंभव मदद देगा। उन्होंने कहा, जिनकी लापरवाही से ये हादसा हुआ, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। स्कूल शिक्षा मंत्री ने गांव में नया भवन बनवाने की घोषणा भी की है।

कलेक्टर ने यह भी कहा कि अब सभी स्कूल भवनों की तकनीकी जांच होगी। यदि किसी इमारत की स्थिति ठीक नहीं है तो वहां बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यह साफ किया गया कि स्कूल प्रशासन ने जर्जर भवन की कोई सूचना नहीं दी थी, जो अपने आप में बड़ी चूक है।

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