Rajasthan News: राजस्थान सरकार में मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने रविवार को दौसा जिले के महुआ में आयोजित एक कार्यक्रम में विपक्ष और स्थानीय नेताओं पर जमकर निशाना साधा। नकली खाद, बीज और कीटनाशकों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत महुआ पहुंचे मंत्री मीणा ने जनता को संबोधित करते हुए कई तीखे बयान दिए। उन्होंने कहा कि अब भ्रष्टाचार और दादागिरी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
महुआ मेरी राजनीतिक जन्मभूमि है
बालाहेड़ी सीएचसी के भूमि पूजन कार्यक्रम में किरोड़ी लाल ने कहा, महुआ मेरी राजनीतिक दृष्टि से जन्मभूमि है। अगर महुआ न होता, तो मैं न दिल्ली पहुंच पाता और न ही राजस्थान सरकार में मंत्री बन पाता। लेकिन लोकसभा चुनाव में आप लोगों ने गलती कर दी और कांग्रेस को वोट देकर बीजेपी प्रत्याशी को हरवा दिया।

9 महीने तक मंत्री पद से इस्तीफा दिए रखा
मीणा ने बताया कि उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले स्पष्ट कहा था कि यदि पार्टी दौसा, करौली या सवाई माधोपुर जैसी सीटें हारती है, तो वे मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। मैंने वादा निभाया और 9 महीने तक इस्तीफा दिए रखा। तब लोग अफवाह उड़ाते थे कि मुझे अच्छा मंत्रालय नहीं मिला, इसीलिए नाराज हूं। लेकिन सच यह है कि कृषि मंत्रालय में आकर नकली खाद, बीज और दवा के खिलाफ कार्रवाई की, सब पर ताले लगवा दिए। जो बचे थे, वे खुद भाग खड़े हुए।
ठेकेदारों को धमकाया तो जीभ काट लूंगा
अपने भाषण के दौरान मीणा का गुस्सा साफ झलक रहा था। उन्होंने पूर्व प्रत्याशियों पर भी परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, जो पहले यहां से चुनाव लड़े, अब कह रहे हैं कि मैं भजनलाल जी के साथ हूं। ठीक है, लेकिन तय करो कि हो किसके साथ भजनलाल या पायलट? जो हर किसी के साथ रहता है, वह किसी का नहीं होता। मैं सिर्फ एक सलाह देना चाहता हूं कि विकास कार्यों में अड़ंगा मत डालो। अब अगर किसी ने ठेकेदार को धमकी दी, तो उसकी जीभ काट लूंगा।
बहुत सहन कर लिया, अब इलाज होगा
अपने भाषण को और आक्रामक बनाते हुए मंत्री मीणा ने कहा बहुत सहन कर लिया, अब इन लुटेरों की नहीं सुनी जाएगी। कोई जनता को, ठेकेदार को या अधिकारी को तंग करेगा, तो उसकी जुबान खींच लूंगा। लूट का ज़माना खत्म हो चुका है, अब कानून चलेगा। मैंने अपने भतीजे से भी कह दिया है न किसी से पैसा लेना है, न किसी को देना है। अब महुआ में भ्रष्टाचार नहीं चलने दूंगा।
राजनीतिक हलकों में हलचल तेज
किरोड़ी लाल मीणा के इन तीखे तेवरों ने एक बार फिर से प्रदेश की राजनीति में सरगर्मी बढ़ा दी है। उनके बयानों को जहां एक ओर सख्त प्रशासनिक कार्यवाही की चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर यह विपक्ष और पूर्व सहयोगियों के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन भी माना जा रहा है।
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