Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा ने बुधवार को राजस्थान लैंड रेवेन्यू (अमेंडमेंट एंड वैलिडेशन) बिल, 2025 पास कर दिया. सरकार का कहना है कि यह कानून राज्य में औद्योगिक विकास की रफ्तार बढ़ाएगा और निवेशकों के लिए माहौल अनुकूल बनाएगा. संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि यह फैसला राजस्थान को उद्योग और निवेश का मजबूत केंद्र बनाने की दिशा में अहम कदम है.

क्यों जरूरी था यह बदलाव?

अब तक जमीन से जुड़े कई प्रावधान पुराने कानूनों के कारण जटिल थे. खासकर राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन (RIICO) के कामकाज पर इनका असर पड़ता था. जमीन के उपयोग, ट्रांसफर, या प्लॉट्स के लेआउट को लेकर कई बार विवाद खड़े हो जाते थे और निवेशकों को मुकदमेबाजी झेलनी पड़ती थी. इस बिल से अब सरकार द्वारा RIICO को दी गई सभी जमीनें चाहे पहले दी गई हों या बाद में दी जाएं कानूनी रूप से पूरी तरह मान्य होंगी. इससे निवेशकों को भरोसा मिलेगा कि उनकी जमीन और उससे जुड़े सभी दस्तावेज सुरक्षित हैं.

RIICO को मिले नए अधिकार

इस कानून से RIICO को औद्योगिक क्षेत्रों पर ज्यादा नियंत्रण और अधिकार मिल गए हैं, जैसे:

  • भूखंडों का ट्रांसफर और सब-डिविजन कानूनी रूप से वैध होगा
  • अनियमित भूखंडों का रेगुलराइजेशन आसान होगा
  • इंडस्ट्रियल प्लॉट्स के उपयोग या स्पेसिफिकेशन में बदलाव किया जा सकेगा
  • इंडस्ट्रियल एरिया के लेआउट प्लान बनाने और उनमें बदलाव का अधिकार
  • प्लॉट्स का निपटान और आवश्यक अनुमतियां जारी करना
  • विकास कार्यों के लिए मजबूत कानूनी आधार

पटेल ने कहा कि इन प्रावधानों से RIICO अब एक मजबूत रेगुलेटरी अथॉरिटी की तरह काम करेगा और औद्योगिक क्षेत्रों की प्लानिंग व मैनेजमेंट और बेहतर हो सकेगा.

निवेश और रोजगार पर असर

कानून में स्पष्टता आने से कानूनी विवाद और देरी कम होगी, जिससे निवेशकों का समय और पैसा बचेगा. सरकार को उम्मीद है कि इससे राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश आएगा, नए उद्योग लगेंगे और रोजगार के मौके बढ़ेंगे. पटेल ने कहा कि यह बिल सिर्फ जमीन से जुड़े नियमों का सुधार नहीं है, बल्कि यह राजस्थान को भारत के सबसे आकर्षक निवेश गंतव्यों में शामिल करने का रोडमैप है.

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