Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा में कोचिंग बिल पर हुए विवाद ने कांग्रेस के भीतर खींचतान को और बढ़ा दिया है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और वरिष्ठ नेता राजेंद्र पारीक के अलग-अलग बयानों ने पार्टी में मतभेद उजागर कर दिए.

इस पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पारीक को सार्वजनिक नसीहत दी और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान कर दिया. अब इस पूरे मामले में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के बयान से सियासी पारा और चढ़ गया है.
डोटासरा अच्छे नेता थे, अब बिगड़ गए
मदन राठौड़ ने मीडिया से कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा कभी अच्छे नेता और व्यक्ति थे, लेकिन अब उनका राजनीतिक आचरण बदल गया है. उन्होंने कहा कि डोटासरा विपक्ष में अपनी भूमिका सही से नहीं निभा पा रहे हैं और लगातार आत्मघाती कदम उठा रहे हैं. राठौड़ ने आरोप लगाया कि उनकी भाषा और शब्द चयन का स्तर भी काफी गिरा है.
राठौड़ ने यह भी कहा कि डोटासरा का आसन पर आक्रामक तरीके से जाना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं था. इसके बाद उनका सदन से दूरी बनाना और विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की घोषणा करना गैर-जिम्मेदाराना रवैया है.
राजेंद्र पारीक पर डोटासरा की टिप्पणी पर आपत्ति
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेंद्र पारीक के खिलाफ डोटासरा की सार्वजनिक टिप्पणी पर भी कड़ा ऐतराज जताया. उन्होंने कहा कि पारीक ने कोचिंग बिल पर जो कहा, उस पर पार्टी स्तर पर बातचीत हो सकती थी. लेकिन वरिष्ठ और समझदार नेता को सार्वजनिक मंच पर अपमानित करना अनुचित है.
राठौड़ ने कहा, डोटासरा को पारीक जी को बुलाकर पार्टी फोरम पर चर्चा करनी चाहिए थी, न कि मीडिया और सदन में उनकी आलोचना करनी चाहिए थी.
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