Rajasthan News: सांचौर जिले के निरस्तीकरण के विरोध में क्षेत्रवासियों ने बड़ा कदम उठाते हुए महापड़ाव का ऐलान किया है। 30 दिसंबर को जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने हजारों लोग जुटकर इस फैसले का विरोध करेंगे। क्षेत्र के लोगों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगें स्पष्ट कर दी हैं।

पूर्ववर्ती सरकार ने रामलुभाया कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सांचौर को जिला बनाया था। यह फैसला क्षेत्र की जरूरतों और प्रशासनिक सुगमता को ध्यान में रखते हुए लिया गया था। सांचौर, जालौर से 145 किलोमीटर दूर है, और जिला बनने से स्थानीय निवासियों को राहत मिली थी।
हालांकि, भाजपा सरकार ने हाल ही में सांचौर को जिला सूची से हटा दिया। दूसरी ओर, डीग, खैरथल, और सलुम्बर जैसे जिलों को बरकरार रखा गया, जिससे सांचौर के निवासियों में नाराजगी बढ़ गई है।
क्षेत्रवासियों ने सरकार के इस फैसले को जनहित के खिलाफ बताया है। उनका कहना है कि सांचौर को जिला बनाए जाने से विकास के कई दरवाजे खुले थे। अब इस फैसले से उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। बता दें इससे पहले भी 25 सितंबर से 2 अक्टूबर के बीच अनशन और प्रदर्शन किए गए थे। अब, महापड़ाव के जरिए आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
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