Rajasthan News: रणथंभौर में बाघ के हमले में राधेश्याम माली की दुखद मृत्यु हो गई है। वन विभाग ने उनके शव को कब्जे में लेकर अस्पताल मोर्चरी में सुरक्षित रखा है। शव जैन मंदिर से लगभग 30-40 मीटर दूर झाड़ियों में पाया गया। मृतक की गर्दन पर बाघ के दांतों के निशान और जांघ के हिस्से पर भी बाघ के हमले के संकेत मिले हैं।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, रणथंभौर किले के क्षेत्र में, खासकर गणेश धाम और मंदिर क्षेत्र के बीच के मार्गों पर बाघों की उपस्थिति बढ़ रही है। यह घटना बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष की गंभीर चुनौती को सामने लाती है।

मिली जानकारी के मुताबिक, राधेश्याम माली 60 वर्षीय शेरपुर निवासी थे और रणथंभौर किले के परिसर में स्थित जैन मंदिर में कार्यरत थे। प्रशासन ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस घटना की जानकारी दी है और दुख जताया है।

हालांकि, किले में बाघ की हलचल के कारण 8 जून को त्रिनेत्र गणेश मार्ग को बंद कर श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि प्रतिबंधित क्षेत्र में मृतक कैसे पहुंच गया।

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