Rajasthan News: राजस्थान के स्कूलों में कक्षा 8वीं और 11वीं की एनसीईआरटी किताबों में अल्कोहलिक ड्रिंक और धूम्रपान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इन किताबों में जर्मन संस्कृति और क्रिसमस सेलिब्रेशन के संदर्भ में रम, स्टाउट और श्नैप्स जैसी शराबों का उल्लेख किया गया है, जिसे पढ़ाते समय शिक्षक असहज महसूस कर रहे हैं। कई शिक्षाविदों का मानना है कि स्कूली शिक्षा में इस तरह के मादक पदार्थों का जिक्र अनुचित है और इसे तुरंत हटाया जाना चाहिए।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी को इस बारे में पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी ताकि छात्रों को सही दिशा में शिक्षा मिल सके।
विदेशी लेखकों के अध्यायों पर आपत्ति
कई शिक्षकों का कहना है कि अंग्रेजी किताबों में विदेशी लेखकों के अध्यायों में शराब और धूम्रपान को बढ़ावा दिया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर, कक्षा 8वीं की किताब “The Best Christmas Present in the World” में क्रिसमस पर शराब पार्टी का वर्णन है, जहां “श्नैप्स” और “रम” का जिक्र किया गया है। वहीं, कक्षा 11वीं की किताब “Snapshots” में ‘Mother’s Day’ चैप्टर में एक पात्र सिगरेट पीते हुए और स्टाउट बियर पीते हुए दिखाई गई है।

शिक्षाविदों की प्रतिक्रिया
जयपुर के शिक्षाविदों ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त की है। कुलदीप जैमन ने कहा कि इस प्रकार के अध्याय भारतीय संस्कृति के विपरीत हैं और छात्रों के लिए गलत संदेश भेज सकते हैं। उन्होंने एनसीईआरटी से इन अध्यायों को हटाने की मांग की है। प्रदीप कुमार सैनी ने भी इसे भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताते हुए कहा कि वेदों में भी मादक पदार्थों का सेवन वर्जित माना गया है। उनका मानना है कि इस प्रकार की सामग्री बच्चों के भविष्य को प्रभावित कर सकती है और इसे भारतीय शिक्षा पद्धति से दूर रखना चाहिए।

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