Rajasthan News: जयपुर. प्रदेश में 80 दिनों बाद 30 सितंबर को मानसून विदा हो गया. इस बार मानसून ने प्रदेश के बांधों को भरपूर पानी दिया. मानसून की 80 दिनों की अच्छी बारिश के चलते प्रदेश के 691 में से 401 बांध लबालब भर गए, जबकि 165 बांध लगभग पूरे भर गए और कुछ सेंटीमीटर खाली रह गए.

इस बार बांधों में पिछले साल की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक पानी आया. जयपुर, अजमेर और टोंक जिले की एक करोड़ से ज्यादा आबादी की जीवनरेखा बीसलपुर बांध 29 दिनों से लगातार ओवरफ्लो कर रहा है, और बांध से 31 टीएमसी पानी बहकर बंगाल की खाड़ी में चला गया है. हालांकि, जयपुर जिले का ऐतिहासिक रामगढ़ बांध इस बार भी खाली रह गया.
जयपुर जिले में बाढ़ जैसे हालात जयपुर जिले में इस साल 1,000 एमएम से अधिक बारिश हुई, जिससे शहर और ग्रामीण इलाकों में, खासकर फागी, दूदू और चाकसू में, बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई. हालांकि, रामगढ़ बांध फिर भी खाली रहा. प्रशासन, जेडीए और अन्य एजेंसियां बांध के बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण को हटाने में असफल रहीं, जिससे बारिश का पानी बांध तक नहीं पहुंच पाया. कैचमेंट क्षेत्र में बारिश तो हुई, लेकिन उसका पानी बांध तक न के बराबर पहुंचा.
लगातार दूसरा वर्ष सामान्य से अधिक बारिश का यह लगातार दूसरा वर्ष है जब मानसून ने सामान्य से अधिक बारिश दी. पिछले साल भी औसत से 12.6% यानी करीब 695.6 मिमी अधिक बारिश हुई थी. अक्टूबर के शुरुआती दोनों दिन बिना बारिश के सूखे बीते. हालांकि, खुशी की बात यह है कि मानसून ने हमारे ज्यादातर झील-तालाबों को लबालब भर दिया. इनको भरने वाले बांध भी इस बार पूरे भर गए. उदयपुर में मानसून का आगमन 25 जून को हुआ था और इसकी सामान्य विदाई 25 सितंबर को मानी जाती है, लेकिन इस बार यह 30 सितंबर को विदा हुआ.
बीसलपुर बांध 29 दिनों से ओवरफ्लो जयपुर, अजमेर और टोंक जिलों की जीवनरेखा बीसलपुर बांध इस मानसून में 6 सितंबर को लबालब हो गया था. इसके बाद बांध के 6 गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू की गई. त्रिवेणी नदी से बांध में अब भी पानी की आवक हो रही है, और 315.5 आरएल मीटर की भराव क्षमता वाला यह बांध 29 दिनों के बाद भी लगातार ओवरफ्लो कर रहा है.
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