Rajasthan News: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में तापीय और अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं, प्रसारण तंत्र, विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण तथा अन्य विकास कार्यों के लिए 1.60 लाख करोड़ के एमओयू एवं पीपीए हस्ताक्षर के अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज राज्य में 31 हजार 825 मेगावाट से अधिक बिजली उत्पादन की विभिन्न परियोजनाओं सहित ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए राज्य की 3 विद्युत निगमों एवं 6 केन्द्रीय उपक्रमों के उच्चाधिकारियों के मध्य 5 एमओयू तथा एक पावर परचेज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए गए। साथ ही, राज्य में अवसंरचना क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न विभागों, उपक्रमों तथा संस्थाओं के वित्त पोषण के लिए आरईसी लिमिटेड और राज्य सरकार के बीच भी 20 हजार करोड़ रूपए का एक एमओयू किया गया है।
सीएम भजनलाल ने कहा कि राज्य सरकार ने 3 माह के अल्प कार्यकाल में ही प्रदेश को विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। प्रदेश के जल संकट को दूर करने के लिए गत दिनों हुए कई ऐतिहासिक समझौतों के बाद अब ऊर्जा के क्षेत्र में भी राज्य को अग्रणी एवं आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार का गठन होते ही गत दिनों केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री तथा केन्द्रीय कोयला मंत्री से सार्थक चर्चा कर कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। राज्य सरकार के प्रयासों तथा केन्द्र सरकार के सहयोगात्मक रूख के कारण वर्तमान में राज्य को 23 कोल रेक प्रतिदिन मिल रहा है। साथ ही, आज राज्य के विद्युत गृहों की थर्मल पॉवर इकाइयों से औसत विद्युत उत्पादन में 1000 मेगावॉट की वृद्धि हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के कारण पॉवर एक्सचेंज से महंगी दरों पर बिजली खरीदी गई, जिससे न केवल आर्थिक नुकसान हुआ बल्कि औद्योगिक विकास एवं कृषि उत्पादन भी प्रभावित हुआ। उन्होंने कहा कि राज्य के डिस्कॉम्स 88 हजार 700 करोड़ रुपए के ऋण के साथ दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गए तथा राज्य की समस्त बिजली कम्पनियों पर कुल 1 लाख 39 हजार 200 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण भार आ गया। सीएम शर्मा ने कहा कि समय पर ऋण ना चुका पाने के कारण बिजली कम्पनियों पर 300 करोड़ रुपए की पेनल्टी भी लगाई गई, जबकि हमारी पूर्व सरकार ने उदय योजना के माध्यम से बिजली कम्पनियों के 62 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज अपने ऊपर लेकर उन्हें ऋणभार से मुक्ति दिलाई थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संसाधनों का सदुपयोग करते हुए राजस्थान को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही हैं।
कार्यक्रम को केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भी वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश में प्रचुर मात्रा में कोयला उत्पादन किया जा रहा है और हम शीघ्र ही एक बिलियन टन कोयला उत्पादन के ऐतिहासिक लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे।
ये हुए एमओयू एवं पीपीए
– संयुक्त उपक्रम द्वारा छबड़ा थर्मल प्लांट पर 1600 मेगावाट अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल कोयला आधारित विद्युत परियोजना स्थापित करने के लिए राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम (आरवीयूएन) तथा एनटीपीसी के मध्य समझौता।
– संयुक्त उपक्रम के तहत 25 हजार मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए आरवीयूएन एवं एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के बीच एमओयू।
– संयुक्त उपक्रम बनाकर 1600 मेगावाट कोयला आधारित एवं 2500 मेगावाट अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए आरवीयूएन एवं कोल इंडिया लिमिटेड के मध्य समझौता।
– संयुक्त उपक्रम के तहत 125 मेगावाट लिग्नाइट आधारित परियोजनाएं एवं 1000 मेगावाट सौर परियोजना स्थापित करने के लिए आरवीयूएन तथा एनएलसी इंडिया लिमिटेड के मध्य एमओयू।
– संयुक्त उपक्रम बनाकर प्रदेश में बिजली प्रसारण तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए आरवीपीएन एवं पावर ग्रिड के मध्य समझौता। हस्ताक्षर-
– 600 मेगावाट सौर बिजली राज्य की वितरण कम्पनियों को देने के लिए आरयूवीआईटीएल एवं एसजेवीएन के मध्य पावर परचेज एग्रीमेंट।
– राजस्थान के विभिन्न विभागों, उपक्रमों, संस्थाओं तथा योजनाओं के लिए 20 हजार करोड़ रूपए के ऋण उपलब्ध कराने के लिए वित्त विभाग राजस्थान सरकार तथा आरईसी लिमिटेड के बीच एमओयू।
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