Rajasthan News: एसडीएम थप्पड़कांड में गिरफ्तार निर्दलीय नेता नरेश मीणा को आखिरकार राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है, लेकिन वे अभी भी जेल से रिहा नहीं हो पाएंगे। कारण यह है कि समरावता हिंसा प्रकरण में उनके खिलाफ नगरफोर्ट थाने में एक अन्य एफआईआर भी दर्ज है, जिस पर अब तक सुनवाई लंबित है।

जस्टिस अनिल कुमार उपमन की एकलपीठ ने गुरुवार को नरेश मीणा की जमानत याचिका स्वीकार कर ली। वहीं, समरावता हिंसा मामले में दर्ज एफआईआर को लेकर जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत में सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला सुरक्षित रखा गया है। जब तक उस मामले में राहत नहीं मिलती, तब तक मीणा को जेल में ही रहना होगा। नरेश मीणा की ओर से अधिवक्ता महेश शर्मा, फतेह राम मीणा और लाखन मीणा ने कोर्ट में पैरवी की।
जानें क्या है मामला?
यह प्रकरण 13 नवंबर 2024 का है, जब देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे थे। उसी दौरान एक विवाद के बीच उन्होंने पोलिंग बूथ पर तैनात एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। यह घटना कैमरे में कैद हो गई थी और सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हुआ था।
चौंकाने वाली बात यह रही कि एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद भी मीणा वापस धरने पर बैठ गए थे। इसके बाद जब पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया, तो स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
समरावता गांव में भड़की थी हिंसा
नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद समरावता गांव में हिंसा भड़क उठी। आरोप है कि सैकड़ों की संख्या में उनके समर्थकों ने पुलिस से भिड़ंत की, और मीणा को हिरासत से जबरन छुड़ाकर ले गए। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने लाठीचार्ज किया, वहीं ग्रामीणों पर पथराव और आगजनी के आरोप लगे। कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
स्थिति को नियंत्रित करने के बाद पुलिस ने अगले दिन नरेश मीणा को दोबारा गिरफ्तार कर लिया, और कई ग्रामीणों पर भी कानूनी कार्रवाई की गई।
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