Rajasthan News: राजस्थान के चर्चित एसडीएम थप्पड़ कांड में एक नया मोड़ आ गया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में टोंक की एससी-एसटी कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी है और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। यह आदेश हाईकोर्ट के जस्टिस उमाशंकर व्यास की एकल पीठ ने दिया है, जब मामले में आरोपी नरेश मीणा की ओर से दायर निगरानी याचिका पर सुनवाई हुई।

क्या है मामला?
यह घटना नवंबर 2024 के देवली उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान की है। समरावता गांव के ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया था। उसी दौरान नरेश मीणा, जो ग्रामीणों के समर्थन में थे, ने आरोप लगाया कि SDM अमित चौधरी जबरन कुछ ग्रामीणों से वोट डलवा रहे थे।
विवाद इतना बढ़ा कि नरेश मीणा ने कथित रूप से SDM को थप्पड़ मार दिया। अगले ही दिन उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। घटना के बाद तनाव फैल गया और करीब 60 लोग गिरफ्तार हुए, हालांकि उन्हें ज़मानत मिल गई मगर नरेश मीणा अब तक जेल में हैं।
हाईकोर्ट में क्या हुआ?
मीणा के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि यह सीधे तौर पर मारपीट का मामला है, न कि हत्या के प्रयास का। सीसीटीवी फुटेज में भी ऐसा कुछ नहीं दिखा जिससे जानलेवा हमला साबित हो। SDM की मेडिकल रिपोर्ट में न कोई गंभीर चोट, न गला दबाने का निशान कुछ भी ऐसा नहीं है जो ‘जान से मारने’ जैसी बात को सिद्ध करे। यह मामला तूल देकर राजनीतिक रूप से इस्तेमाल किया गया।
हाईकोर्ट की टिप्पणी और निर्देश
हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक सरकार इस मामले में स्पष्ट जवाब नहीं देती, तब तक निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक रहेगी। राज्य सरकार से पूछा गया है कि क्या वाकई यह जानलेवा हमला था या महज एक झड़प?
पढ़ें ये खबरें
- Odisha Weather : ओडिशा के कई हिस्से शीतलहर की चपेट में
- सीमेंट मिक्सर मशीन में आने से 65 साल के शख्स की दर्दनाक मौत, सड़क निर्माण कार्य के दौरान हुआ हादसा
- Rajasthan News: 200 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी, स्टेट जीएसटी की बड़ी कार्रवाई
- Railway News: रेलवे कर्मचारियों को मिलेगा QR Code वाला ID Card
- मंत्रीजी की ‘टाइम मशीन’ वाली एंट्री! 100 साल पहले 1923 में बन गए थे MLA और मिनिस्टर, कांग्रेस का तंज- ये तो इतिहास से भी पहले मंत्री बन गए


