Rajasthan News: राजस्थान की राजनीति में सुर्खियों में रहे नरेश मीणा आखिरकार 240 दिन बाद आज जेल से रिहा होंगे। उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट से शुक्रवार, 11 जुलाई को ज़मानत मिली थी। ज़मानत देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान हुई 13 नवंबर 2024 की हिंसा, आगजनी और SDM को थप्पड़ मारने के मामले में मिली है।

नरेश मीणा ने जेल से बाहर आने के बाद टोंक न आने और सीधे समरावता गांव जाने की घोषणा पहले ही सोशल मीडिया पर कर दी है।
क्या था मामला?
नवंबर 2024 में देवली-उनियारा विधानसभा में उपचुनाव के दौरान समरावता गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया था। नरेश मीणा ने इस फैसले का समर्थन किया।
बहिष्कार के बावजूद, प्रशासन ने कुछ लोगों को जबरन वोट डलवाने की कोशिश की ऐसा आरोप लगाते हुए नरेश मीणा ने तत्कालीन एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया।
इसके बाद हिंसा भड़क गई, आगजनी हुई और नरेश मीणा के खिलाफ राजद्रोह, सरकारी काम में बाधा और हिंसा भड़काने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हुए। उन्हें 14 नवंबर 2024 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
समर्थकों में जश्न का माहौल
जैसे ही हाईकोर्ट से ज़मानत की खबर आई, उनके समर्थकों में उत्साह की लहर दौड़ गई। लेकिन नरेश मीणा ने सोशल मीडिया पर स्पष्ट कर दिया कि कोई भी समर्थक टोंक न आए, वो सीधे समरावता जाएंगे।
उन्होंने 11 जुलाई को एक्स (Twitter) पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि 14 जुलाई को दोपहर 3 बजे जेल से बाहर निकलेंगे, और समरावता में गांववासियों से मिलकर अगला कदम तय करेंगे।
8 महीने लंबी जेल यात्रा
पिछले आठ महीने से नरेश मीणा न्यायिक हिरासत में थे। उनके वकील फतेहराम मीणा लगातार ज़मानत की पैरवी कर रहे थे। जब हाईकोर्ट से ज़मानत मिली, तो वे भी भावुक हो उठे। उन्होंने इसे सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि जनहित और न्याय में भरोसे की जीत बताया।
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