Rajasthan News: जयपुर डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक आर.एन.कुमावत ने बुधवार को लीगल विंग व आईटी विंग के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आईटी का उपयोग करके उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान की जाए। समीक्षा बैठक में जयपुर डिस्कॉम के निदेशक तकनीकी व वित, संभागीय मुख्य अभियन्ता, सचिव प्रशासन, अधीक्षण अभियन्ता, अधिशासी अभियन्ता, मुख्य कार्मिक अधिकारी, सभी सर्किलों के कार्मिक अधिकारी व सम्बन्धित विंग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

जयपुर डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक ने लीगल विंग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि कार्यों का समयबद्ध निस्तारण किया जाए और कोई भी विद्युत दुर्धटना होती है तो सम्बन्धित कनिष्ठ अभियन्ता, सहायक अभियन्ता व अधिशासी अभियन्ता उसकी सूचना 24 घण्टे के अन्दर विभाग को दे एवं इलेक्ट्रीकल इंसपेक्टर को भी इसकी सूचना दें। इसके उपरान्त विभाग द्वारा गठित कमेटी द्वारा इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि कोई भी घटना होती है तो फील्ड अधिकारी मौके पर जाकर उसकी सही रिपोर्ट तैयार करें व रिपोर्ट समय पर बनाई जाए। उन्होंने कहा कि विभाग की पूरी मशीनरी लगी हुई है फिर भी विभाग पर लाईबिलिटी बन के आ रही है यह बहुत ही गंभीर है और भविष्य में लापरवाही की वजह से डिस्कॉम पर कोई लाईबिलिटी आती है तो उसकी जिम्मेदारी सम्बन्धित अधिकारी की होगी एवं उसकी वसूली भी उससे ही की जाएगी।

 बैठक में अधीक्षण अभियन्ता लीगल ने लम्बित केसेज, रिप्लाई, गत तीन वर्षों में हाइकोर्ट में दायर की गई अपील व रिट के मामले व निस्तारित हुए केसेज एवं कार्ट केसेज में डिफाल्टर होने पर संभागीय मुख्य अभियन्ता स्तर पर लम्बित जांच के प्रकरण आदि के बारें में जानकारी दी गई। उन्होंने प्रभावी कार्य संपादन नही होने को लेकर सर्किल कार्मिक अधिकारी व ओआईसी को षो-कॉज नोटिस देने के निर्देश दिए। 

प्रबन्ध निदेशक ने अपरान्ह आईटी विंग के विभिन्न प्रोजेक्टस् और संपादित किए जा रहे विभिन्न कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। इसके तहत वर्तमान में चल रहे टेण्डर के तहत कार्य आदेश जारी करने से लेकर वर्तमान में प्राजेक्ट की स्थिति, पुराने टेण्डर की स्थिति एवं नए जारी किए जाने वाले टेण्डरों के बारें में जानकारी प्राप्त की और निर्देश दिए कि सभी प्रोजेक्टस् का कार्य समय पर पूर्ण होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जो प्राजेक्ट लगा दिए गए हैं उसको सफलतापूर्वक पूर्ण करना है और उसका उपभोक्ताओं व निगम को लाभ मिलना चाहिए। बैठक में प्रबन्ध निदेशक ने कार्य निष्पादन में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों को शो-कॉज देने के निर्देश दिए और कहा कि कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी।

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