Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा में आज एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम होने जा रहा है, जब भाजपा सरकार द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा ‘राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म-संप्रवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025’ (Rajasthan Prohibition of Unlawful Conversion of Religion Bill 2025), जो राज्य में धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून लागू करेगा। यह विधेयक भाजपा द्वारा सत्ता में लौटने के बाद 16 सालों के अंतराल के बाद पेश किया जा रहा है। इससे पहले, वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने 2008 में इसी तरह का विधेयक लाने की कोशिश की थी, लेकिन वह केंद्र सरकार में फंसे रहने के कारण आगे नहीं बढ़ पाया था।
इस विधेयक के पारित होने के बाद राज्य में जबरन धर्मांतरण, बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन या किसी भी प्रकार के लालच से धर्मांतरण कराए जाने पर कड़ी सजा का प्रावधान होगा। खासतौर पर, ‘लव जिहाद’ (Love Jihad) को लेकर भी कड़ी सजा का प्रावधान रखा गया है। इस विधेयक के तहत जबरन धर्म परिवर्तन करने वाले को 3 से 10 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है, तो उसे 60 दिन पहले जिला कलेक्टर को सूचित करना होगा। यदि किसी व्यक्ति को धर्म परिवर्तन करने के उद्देश्य से विवाह करने की कोशिश की जाती है, तो वह विवाह पारिवारिक न्यायालय द्वारा निरस्त किया जा सकेगा। यह अपराध गैर जमानती और संज्ञेय माना जाएगा।
धर्मांतरण विरोधी यह विधेयक अन्य भारतीय राज्यों में पहले से लागू हो चुके हैं, जैसे कि झारखंड, कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड। ओडिशा राज्य में सबसे पहले 1967 में धर्मांतरण कानून को लागू किया गया था।
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर होगी बहस
आज के विधानसभा सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर भी वाद-विवाद शुरू होगा, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक अपने विचार व्यक्त करेंगे। राज्यपाल का अभिभाषण राज्य सरकार के कार्यों की रिपोर्ट होता है, और इस पर बहस में विपक्ष सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेर सकता है। विपक्ष ने राज्य सरकार के एक साल के कार्यकाल में जिलों के पुनर्गठन, स्कूलों की समीक्षा, किसानों के मुद्दे, पेपर लीक की घटनाओं और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों को उठाने की योजना बनाई है, जिससे सदन में हंगामे की संभावना है।
इसके अलावा, विधायकों की ओर से फसल खराबे, किसानों के ऋण माफी और बिजली की कमी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सवाल उठाए जाएंगे। विपक्ष सरकार से प्राकृतिक आपदाओं, चूरू में किसानों की भूमि की कुर्की, और ग्रामीण इलाकों में घरेलू और कृषि कनेक्शनों में हो रही देरी पर भी जवाब मांगेगा।
प्रश्नकाल में हंगामे की संभावना
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष सरकार से तीखे सवाल पूछने के लिए तैयार है। विपक्ष ने सरकार के खिलाफ कई मुद्दों को उठाने की योजना बनाई है। इन मुद्दों में विशेष रूप से जिलों के पुनर्गठन को लेकर विपक्ष का विरोध, अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की समीक्षा, ईआरसीपी, यमुना जल समझौता, पेपर लीक मामले में कार्रवाई, और राज्य में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए जाएंगे। इसके अलावा, विपक्ष की ओर से किसानों के ऋण माफी, फसल खराबे, और बिजली की आपूर्ति पर भी सवाल उठाए जा सकते हैं। इस प्रकार, विधानसभा में हंगामे के आसार हैं।
5 विभागों की रिपोर्ट पेश करेंगे
सदन में आज पांच मंत्री विभिन्न विभागों की रिपोर्ट पेश करेंगे। इनमें डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा परिवहन और सड़क सुरक्षा विभाग की अधिसूचनाएं, और राजस्थान रोडवेज को लेकर सीएजी (कैग) की रिपोर्ट पेश करेंगे। इसके साथ ही चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर राजस्थान मानवाधिकार आयोग के वार्षिक प्रतिवेदन और ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ राजस्थान सर्विसमैन कॉरपोरेशन और सांभर सॉल्ट लिमिटेड की वार्षिक रिपोर्ट पेश करेंगे। जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना निगम लिमिटेड का प्रथम वार्षिक प्रतिवेदन 2022-23 पेश करेंगे। सामाजिक अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत आयुक्तालय विशेष योग्यजन राजस्थान का वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन 2023-24 प्रस्तुत करेंगे।
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