Rajasthan News: बीते साल 4 अगस्त को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच लंबित थी। हाल ही में बीजेपी सरकार ने उनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी की है। इसके मद्देनजर, डीएलबी (नगरपालिका निदेशालय) ने मेयर को नोटिस जारी किया है, जिसमें भ्रष्टाचार के आरोपों पर जवाब मांगा गया है। उन्हें तीन दिन का समय दिया गया है, और यदि इस अवधि में कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

अभियोजन की मंजूरी पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद

अभियोजन की मंजूरी के बाद दो सप्ताह में सुनवाई होनी है। जस्टिस एनएस ढड्डा ने सुधांशु सिंह ढिल्लन की याचिका पर यह निर्देश दिया। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने मंगलवार को मेयर मुनेश गुर्जर को बुधवार तक निलंबित करने की बात कही थी, लेकिन फिलहाल उन्हें राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39(1) के तहत नोटिस जारी किया गया है।

एसीबी की कार्रवाई और उसके बाद के घटनाक्रम

4 अगस्त 2023 को एसीबी की कार्रवाई के बाद, 5 अगस्त को स्वायत्त शासन विभाग ने मुनेश गुर्जर को मेयर और पार्षद पद से निलंबित कर दिया था। हालांकि, 23 अगस्त 2023 को कोर्ट से राहत मिलने के बाद वे दोबारा महापौर बनीं। 1 सितंबर 2023 को राज्य सरकार ने उनका निलंबन वापस ले लिया, लेकिन 22 सितंबर 2023 को उन्हें फिर से निलंबित कर दिया गया। इस आदेश को उन्होंने 26 सितंबर 2023 को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जहां से उन्हें फिर से राहत मिली और दिसंबर 2023 में वे फिर से मेयर के पद पर आसीन हो गईं।

इस मामले में आने वाले तीन दिनों में मेयर की प्रतिक्रिया के आधार पर प्रशासन की आगे की कार्रवाई तय होगी।

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