Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर देश में फोन टैपिंग को लेकर चिंता जताई है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि देश में डर और अविश्वास का माहौल बन चुका है। यहां तक कि पति-पत्नी भी एक-दूसरे से फेसटाइम पर बात करने की सलाह दे रहे हैं, ताकि कोई उनकी बात न सुन सके।

अविश्वास का माहौल खतरनाक है
गहलोत बोले, अब लोगों को लगता है कि पता नहीं कब हमारा फोन टेप हो जाए। भले ही आज न हो रहा हो, लेकिन अगर जनता के मन में यह शक भी घर कर गया है, तो यह लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है। लोकतंत्र की बुनियाद ही पारदर्शिता और भरोसे पर टिकी होती है। अगर इसे मजबूत रखना है, तो चुनाव आयोग, न्यायपालिका, CBI और इनकम टैक्स जैसे संस्थानों को स्वतंत्र और सशक्त बनाना होगा।
बिहार में वोटर वेरिफिकेशन का मजाक
पूर्व मुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, बिहार में वोटर ID वेरिफिकेशन के नाम पर जो अभियान चलाया जा रहा है, वो पूरे देश में मजाक बन गया है। सुप्रीम कोर्ट के जज को भी कहना पड़ा कि चुनाव आयोग जिन दस्तावेजों की मांग कर रहा है, वो तो उनके पास भी नहीं हैं।
पुराने वोटरों के नाम काटे जा रहे हैं
गहलोत ने आरोप लगाया कि एक महीने के अंदर वोटर वेरिफिकेशन जैसी प्रक्रिया को पूरा करना संभव नहीं है। अगर आप सिर्फ नए नाम जोड़ रहे होते, तो भी ठीक था। लेकिन अब ऐसे लोगों के नाम भी हटाए जा रहे हैं जो दस-दस बार वोट डाल चुके हैं। ये लोकतंत्र से खिलवाड़ है। इसी कारण सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में दखल देना पड़ा।
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