Rajasthan News: अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने पेयजल प्रबंधन की समीक्षा बैठक में कहा कि पेयजल आपूर्ति लाइन के आसपास खुदाई के दौरान लाइन टूटने एवं सड़क पर पानी बहने के मामले में संबंधित ठेकेदार और कार्य कराने वाली कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। उन्होंने पेयजल आपूर्ति लाइन से पानी चोरी करने वालों के खिलाफ भी सख्ती के निर्देश दिए।  

डॉ. अग्रवाल बुधवार को जल भवन में गर्मी के दौरान पेयजल प्रबंधन की समीक्षा कर रहे थे।  उन्होंने कहा कि सड़कों की जेसीबी से खुदाई के दौरान लापरवाही बरतने से पेयजल आपूर्ति लाइन टूट जाती है और हजारों लीटर पेयजल सड़क पर बह जाता है। ऐसे मामलों में सख्ती बरतते हुए लापरवाही करने वाले ठेकेदार के साथ ही कार्य करवाने वाली कंपनी के खिलाफ भी एफआईआर करवाई जाए ताकि खुदाई के दौरान कोई लापरवाही नहीं बरते।

कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जलदाय विभाग के अभियंताओं एवं कर्मचारियों के साथ मारपीट और उन्हें बंधक बनाने से जुड़े मामलों में जीरो टोलरेंस की नीति अपनाते हुए पुलिस और प्रशासन के सहयोग से सख्त कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने कहा कि अवैध कनेक्शन एवं बूस्टर्स के खिलाफ अभियान के दौरान जरूरत पड़ने पर संबंधित जिले के कलेक्टर एवं एसपी से समन्वय स्थापित किया जाए एवं कानून व्यवस्था बिगड़ने का भय होने पर फील्ड अभियंता पुलिस बल को साथ लेकर पेयजल लाइन से अवैध कनेक्शन हटाने एवं बूस्टर जब्त करने की कार्यवाही करें।

14,290 अवैध कनेक्शन हटाए, 868 बूस्टर जब्त

डॉ. अग्रवाल ने गर्मियों में अंतिम छोर तक पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अवैध कनेक्शन एवं बूस्टर्स के खिलाफ प्रभावी अभियान चलाने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि 1 अप्रेल 2022 से 31 मार्च 2023 तक 16 हजार 15 अवैध जल संबंधों के मामलों में कार्रवाई की गई। इनमें 14 हजार 290 हटाए गए एवं 1725 नियमित किए गए। सर्वाधिक 2405 अवैध कनेक्शन अजमेर में हटाए गए। नागौर में 2186, जयपुर में 2028, अलवर में 1664 तथा भरतपुर में 857 कनेक्शन हटाए गए। इसके अलावा इस अवधि में 868 बूस्टर जब्त किए गए। इनमें जयपुर में सर्वाधिक 386, अजमेर में 79, बाड़मेर एवं अलवर में 59-59 बूस्टर जब्त किए गए।

उन्होंने दूषित पानी के मामलों में अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा ताकि हिण्डौन सिटी जैसी घटनाएं फिर से नहीं हो। साथ ही, जिला कलेक्टर की अनुशंसा से 50 लाख रूपए के आकस्मिक कार्य के प्रस्ताव समय पर भेजने के निर्देश भी दिए।

पेयजल संबंधी शिकायतों के लिए स्टेट कंट्रोल रूम

अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष 76 शहरों एवं 11290 गांवों-ढाणियों में जल परिवहन किया गया था। इस वर्ष अभी 16 शहरों एवं 382 गांवों में पेयजल परिवहन किया जा रहा है जिसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया जाएगा। अप्रेल से अगस्त माह तक ग्रामीण क्षेत्रों में 22 हजार 689 गांव-ढाणियों में टैंकरों से जल परिवहन के लिए 106.50 करोड़ तथा शहरी क्षेत्रों में 172 शहरों-कस्बों के लिए 39.76 करोड़ रूपए के प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजे गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि ग्रीष्मकाल में पेयजल संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है जबकि जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित किए जा रहे हैं। जल भवन स्थित स्टेट कंट्रोल रूम का दूरभाष नम्बर  0141-2222585 है।    

डॉ. अग्रवाल ने पेयजल परियोजनाओं में गुणवत्तापूर्ण पाइप के इस्तेमाल के निर्देश दिए। उन्होंने पाइप सैम्पल फेल होने पर पाइप आपूर्ति करने वाली कंपनी और प्रोजेक्ट पर कार्यरत ठेकेदार फर्म के साथ ही मौके पर निरीक्षण करने वाले अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने क्वालिटी कंट्रोल विंग के अभियंताओं को अपने कार्य के प्रति गंभीरता बरतने के निर्देश दिए। साथ ही, कहा कि सैम्पल मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाने पर पाइप बदलकर दूसरे लगाना ही पर्याप्त नहीं होगा। संबंधित पाइप आपूर्तिकर्ता, ठेकेदार फर्म एवं निरीक्षण करने वाले इंजीनियर के खिलाफ भी प्रभावी कार्रवाई होनी चाहिए।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने क्वालिटी कंट्रोल टीमों द्वारा किए गए निरीक्षणों एवं पाइप सैम्पलिंग के बारे में जानकारी ली। उन्होंने 31 मार्च तक लिए गए सैम्पलों की संख्या एवं सैम्पल फेल होने पर संबंधित फर्म, सप्लायर एवं निरीक्षण अधिकारी के विरूद्ध की गई कार्रवाई के बारे में मुख्य अभियंता गुणवत्ता निरीक्षण से रिपोर्ट मांगी। साथ ही, पाइप उपयोग संबंधी गाइड लाइन्स की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

डॉ. अग्रवाल ने ने अंतर्विभागीय प्रकरणों, वीआईपी पत्रों, राजस्थान संपर्क पोर्टल की शिकायतों, गुणवत्ता नियंत्रण टीमों द्वारा किए गए निरीक्षण, अधिकारियों के दौरे आदि की भी समीक्षा की।

समीक्षा बैठक में संयुक्त सचिव राम प्रकाश, मुख्य अभियंता (तकनीकी) दलीप गौड, मुख्य अभियंता (विशेष परियोजना) दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता (प्रशासन) राकेश लुहाडिया, मुख्य अभियंता (शहरी एवं गुणवत्ता नियंत्रण) के डी गुप्ता, मुख्य अभियंता-जोधपुर नीरज माथुर, अतिरिक्त मुख्य अभियंता देवराज सोलंकी सहित प्रदेश भर के पीएचईडी रीजन एवं प्रोजेक्ट्स से जुड़े अतिरिक्त मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, अधिशाषी अभियंता एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

ये खबरें भी जरूर पढ़ें