Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने जेलों में बढ़ती अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए एक नई निगरानी व्यवस्था लागू की है। अब जेल प्रशासन उन प्रहरी और मुख्य प्रहरियों को इनाम और प्रमोशन का लाभ देगा, जो गोपनीय रूप से प्रतिबंधित सामानों की सूचना देंगे और कार्रवाई में मदद करेंगे। इस पहल का उद्देश्य जेलों में अनुशासन बनाए रखना और अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाना है।

सख्ती के बावजूद जेलों में जारी है प्रतिबंधित सामानों की आमद

हाल के दिनों में जेलों में मोबाइल फोन और अन्य प्रतिबंधित वस्तुएं मिलने की घटनाएं लगातार सामने आई हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए जेल प्रशासन ने जेल कर्मचारियों को निगरानी तंत्र का हिस्सा बनाकर इस समस्या से निपटने की रणनीति अपनाई है।

मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम को मिली थी धमकी

राज्य में जेल सुरक्षा को लेकर चिंता तब और बढ़ गई जब 26 मार्च को उप-मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को जान से मारने की धमकी मिली। जांच में पता चला कि यह कॉल जयपुर पुलिस कंट्रोल रूम को किया गया था और उसकी लोकेशन जेल से ट्रेस हुई। 28 मार्च को भी बीकानेर सेंट्रल जेल से पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर मुख्यमंत्री को धमकी दी गई। इसके बाद जेल में छापा मारा गया, जहां एक विचाराधीन कैदी आदिल के पास से मोबाइल बरामद हुआ।

तीन जेल प्रहरियों पर गिरी गाज

जेल में कैदियों को प्रतिबंधित सामग्री पहुंचाने के मामले में जिला कारागार विभाग ने कड़ी कार्रवाई की है।

  • उदयपुर सेंट्रल जेल के प्रहरी प्रभनलाल और जयपुर सेंट्रल जेल के प्रहरी संजय कुमार को बर्खास्त कर दिया गया।
  • जोधपुर जेल के प्रहरी राजेश बिश्नोई को सस्पेंड कर दिया गया।

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