Rajasthan News: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने डमी कैंडिडेट्स और नकल को रोकने के लिए भर्ती परीक्षाओं में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग शुरू कर दिया है। शुक्रवार को जूनियर इंस्ट्रक्टर (कंप्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट) भर्ती परीक्षा में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), बायोमेट्रिक और CCTV लाइव कवरेज का व्यापक उपयोग किया गया। बोर्ड ने यह कदम परीक्षा प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए उठाया है।
तकनीक का उपयोग
बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने बताया कि परीक्षा केंद्रों पर डमी कैंडिडेट्स, ब्लूटूथ डिवाइस और अन्य अनियमितताओं को रोकने के लिए नई तकनीकें लागू की गई हैं।
- मुख्य द्वार पर डीटेल्ड फ्रिस्किंग (जांच) की जा रही है।
- बायोमेट्रिक सत्यापन के जरिए परीक्षार्थियों की पहचान सुनिश्चित की जा रही है।
- CCTV लाइव कवरेज की मदद से परीक्षा केंद्रों की निगरानी की जा रही है, जिसे बोर्ड के कंट्रोल रूम की वीडियो वॉल पर भी देखा जा सकता है।
- परीक्षा कक्ष की AI आधारित मॉनिटरिंग से किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत ट्रैक किया जा रहा है।
इस परीक्षा का आयोजन कनिष्ठ अनुदेशक (कंप्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट) के 217 पदों के लिए किया गया। इनमें 181 पद गैर-अनुसूचित क्षेत्र और 36 पद अनुसूचित क्षेत्र के लिए हैं।
पहली बार हुआ हाई-टेक इस्तेमाल
मेजर जनरल आलोक राज ने कहा कि यह पहली बार है जब बोर्ड ने डमी कैंडिडेट्स को रोकने के लिए हाई-टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है। इससे परीक्षा प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद हो सकेगी। बोर्ड ने इससे पहले भी अन्य भर्ती परीक्षाओं में तकनीक के प्रयोग से नकल और अनियमितताओं को नियंत्रित किया है।
कनिष्ठ अनुदेशक के 1821 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। शुक्रवार को परीक्षा ऑफलाइन ओएमआर बेस मॉडल पर आयोजित हुई। इससे पहले, जूनियर इंस्ट्रक्टर के विभिन्न पदों पर सीबीटी-कम-ओएमआर मोड का भी उपयोग किया गया था।
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