Rajasthan News: अब प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ उठाने के लिए गर्भवती महिलाओं को अलग से फॉर्म भरने की ज़रूरत नहीं होगी। केंद्र सरकार जल्द ही इस योजना को राजस्थान के चिकित्सा विभाग के PCTS (प्रेगनेंसी, चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम) पोर्टल से जोड़ने जा रही है। इस कदम से दस्तावेज़ों की कमी या जानकारी की गलतियों के चलते योजना से वंचित रह जाने वाली महिलाएं भी सीधे लाभान्वित हो सकेंगी।

क्या है योजना?
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत पहली संतान के लिए दो किस्तों में ₹6,500 का और यदि दूसरी संतान बेटी होती है, तो एकमुश्त ₹6,000 का लाभ दिया जाता है। राजस्थान में हर साल करीब 4 लाख महिलाएं इस योजना का लाभ लेती हैं।
वर्तमान प्रक्रिया और समस्याएं
फिलहाल योजना का लाभ पाने के लिए महिला को लंबा फॉर्म भरना होता है, जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और एएनएम की मदद ली जाती है। दस्तावेजों का सत्यापन होता है और फिर फॉर्म योजना के पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।
हालांकि कई बार दस्तावेज अधूरे होने, गलत जानकारी भरने या कार्यकर्ता के समय पर न पहुंचने के कारण महिलाएं लाभ से वंचित रह जाती हैं। कभी-कभी दो बार पंजीकरण होने से फॉर्म रिजेक्ट भी हो जाता है।
अब क्या होगा बदलाव?
PCTS पोर्टल पहले से ही हर गर्भवती महिला का पूरा रिकॉर्ड रखता है। जब यह पोर्टल मातृ वंदना योजना से जोड़ा जाएगा, तो दूसरी बेटी के जन्म पर लाभ की प्रक्रिया स्वतः शुरू हो जाएगी। न ही फॉर्म भरने की ज़रूरत होगी, न ही दस्तावेज़ जमा करने या वेरिफिकेशन की परेशानी।
राजस्थान में इसे लेकर केंद्र सरकार की उच्चस्तरीय बैठक हो चुकी है। समेकित बाल विकास सेवाएं विभाग के निदेशक ओ. पी. बुनकर के अनुसार यह मॉडल जल्द ही पूरे देश में लागू हो सकता है।
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