Rajasthan News: राजस्थान में राजसमंद जिले के नाथद्वारा शहर में जन्माष्टमी पर पुरातन परम्परा के तहत आधी रात को कृष्ण जन्म की खुशी में श्रीनाथजी को 21 तोपों की सलामी दी गई. इस अनूठे आयोजन के हजारों लोग साक्षी बने. दो तोपों की जोड़ी से लगातार 21 गोले दाग कर सलामी दी गई. बता दें कि दुनिया में यह एकमात्र मंदिर है, जहां जन्माष्टमी पर 21 बार तोप से सलामी देने की अनूठी परम्परा है.

पुष्टिमार्गीय प्रधान पीठ के श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा में परम्परानुसार श्रीनाथजी के बाल स्वरूप को केसर कस्तूरी युक्त पंचामृत से स्नान कराया गया. शाम को संध्या आरती के बाद दस बजे तक श्रीनाथजी के दर्शन के लिए हजारों की संख्या लोग उमड़ पड़े. दर्शन के बाद रात ठीक 12 बजे श्री कृष्ण के जन्म पर उनके वस्त्र बदले गए। फिर मंदिर से 300 मीटर की दूरी पर स्थित रसाला चौक में उन्हें दो तोपों से 21 बार गोले दागकर सलामी दी गई.

आज 27 अगस्त को श्रीनाथजी मंदिर में नन्द महोत्सव को लेकर आवश्यक तैयारियां पूरी हो गई है. इसके तहत तिलकायत राकेश महाराज व गोस्वामी विशाल बावा के सानिध्य में नए वस्त्र, दूध व दही से खेलने की परम्परा है. मंगलवार को मंदिर में श्रीनाथजी दर्शन के दौरान दूध दही का भोग लगाया जाएगा. आज दिनभर में श्रीनाथजी के सभी दर्शन में नन्द महोत्सव का भाव रहेगा. इसके तहत मन्दिर में श्रीनाथजी के बड़े मुखियाजी नन्दबाबा के भेष में केसर युक्त दही छाछ का छिड़काव ग्वाल-बालों के संग मिलकर करेंगे.

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