Rajasthan News: भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा ने हाल ही में अपने इस्तीफे के बारे में खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि मंत्री पद पर रहते हुए वे “शिखंडी” बन गए थे और उनके पास कोई वास्तविक शक्ति नहीं थी। उन्होंने बताया कि इस्तीफा देने का निर्णय उन्होंने अपने चुनावी हार के बाद लिया था।
मीणा ने कहा, “मैंने 45 साल तक सवाई माधोपुर, टोंक, दौसा, अलवर, करौली, भरतपुर, और धौलपुर क्षेत्र की जनता की सेवा की है। मैंने मोदी जी से कहा था कि वे दौसा में घर-घर जाकर पूर्वी राजस्थान की सातों सीटें जिताएं, लेकिन जहां से मैं चुनाव लड़ा, वहां मैं हार गया। मैंने घोषणा की थी कि चुनाव हारने पर मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा, और यही कारण था कि मैंने इस्तीफा दे दिया।”
उन्होंने अपनी नैतिकता की राजनीति पर भी जोर दिया और कहा, “मैं सच्चे मन से जनता की सेवा करता हूं। जब मंत्री बना, तो मुझे शक्ति ही नहीं मिली। मैं किसी के सामने सिर नहीं झुकाऊंगा, सिर सिर्फ जनता के सामने झुकेगा। भगवान राम को भी सिंघासन छोड़ना पड़ा, तो मेरे लिए यह कोई बड़ी बात नहीं है।”
मीणा ने अपने भविष्य की योजनाओं के बारे में कहा, “मैं लड़ता रहूंगा और जनता के लिए काम करता रहूंगा। हार और जीत चलती रहती है, लेकिन विफलता से भी सफलता निकलती है।”
इसके अलावा, उन्होंने एक कटाक्ष किया, “मैंने 26 लाख मास्टरों और 30 हजार थानेदारों की परीक्षा रद्द कराई थी, तब मैं सरकार में नहीं था। अब इन सब मछलियों और मगरमच्छों को जेल में डालने की जरूरत है, जिन्होंने किसानों और जवानों के बच्चों का भविष्य खराब किया है।”
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