Rajasthan News: जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को पाली में राज्य स्तरीय कार्यक्रम में 19 राजकीय नर्सिंग महाविद्यालयों का शिलान्यास किया. साथ ही, पाली जिले में 350.50 करोड़ रूपए के विभिन्न विकास कार्यों का भी शिलान्यास एवं लोकार्पण किया. समारोह को संबोधित करते हुए श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है. प्रदेश सरकार सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा, कृषि, चिकित्सा, सामाजिक सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में विकास के नए आयाम स्थापित कर रही है.  इसी क्रम में 19 राजकीय नर्सिंग महाविद्यालयों का शिलान्यास किया गया है. इनके निर्माण के पश्चात् महाविद्यालयों से निकलने वाले नर्सिंग विद्यार्थी प्रदेश में बेहतर सेवाएं देंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस दौरान बाड़मेर, बांसवाड़ा, कुम्हेर (भरतपुर), भीलवाड़ा, लालसोट (दौसा), धौलपुर, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जालौर, झुंझुनूं, करौली, नागौर, नाथद्वारा (राजसमंद), प्रतापगढ़, सीकर, सिरोही एवं टोंक नर्सिंग महाविद्यालयो का वर्चुअल एवं पाली व चित्तौड़गढ़ में भूमि पूजन कर कुल 19 नर्सिंग महाविद्यालयों का शिलान्यास किया.

प्रदेश के औद्योगिकीकरण में पाली-जोधपुर की अहम भूमिका

श्री गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने पाली-जोधपुर क्षेत्र को हमेशा महत्व दिया है. इन दोनों शहरों को ‘ट्विन सिटीज’ के रूप में विकसित करने का भी लंबे समय से प्रयास रहा है. पाली शहर में पेयजल समस्या का भी प्राथमिकता से समाधान किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं. राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल का तीसरा चरण भी हमारी सरकार द्वारा शुरू किया गया है, जिसका लाभ शीघ्र पाली जिले को भी मिलेगा. प्रदेश से गुजरने वाले दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर का बड़ा हिस्सा अलवर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा एवं पाली से गुजरता है. पिछले कार्यकाल में हमारे प्रयासों की वजह से मारवाड़ जंक्शन से रोहट होते हुए जोधपुर को भी इस परियोजना के साथ जोड़ा गया. इस क्षेत्र में अब वृहद् स्तर पर औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है. आने वाले समय में दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर के मारवाड़ जंक्शन-रोहट-जोधपुर नोड का कायाकल्प होगा व प्रदेश के औद्योगिकीकरण में यह क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इस क्षेत्र के नजदीक ही रिफाइनरी के आने से रोजगार को बढ़ावा मिलेगा.

स्वास्थ्य बीमा के अंतर्गत प्रदेश के 90 प्रतिशत परिवार

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से आमजन को महंगे इलाज की चिंता से मुक्ति मिली है. राजस्थान में लगभग 90 प्रतिशत परिवार हैल्थ इन्श्योरेंस के अंतर्गत आते हैं, जबकि इसका राष्ट्रीय औसत केवल 41 प्रतिशत है. मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में अब तक लगभग 28 लाख परिवारों को लगभग 3,177 करोड़ रूपए से अधिक का निःशुल्क इलाज दिया गया है. चिरंजीवी बीमा योजना के तहत 10 लाख रूपए तक के निःशुल्क इलाज के साथ ही लीवर ट्रांसप्लांट, किडनी ट्रांसप्लांट, कोक्लियर इम्प्लांट जैसे जटिल उपचारों में 10 लाख की सीमा समाप्त कर दी गई है. इसके अलावा 5 लाख रूपए तक का दुर्घटना बीमा भी दिया जा रहा है.