Rajasthan News: राजस्थान के जालौर जिले के भीनमाल में प्रेम विवाह करने पर एक युवती को जातीय पंचायत के बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है। पीड़िता का आरोप है कि पंचायत ने ‘तुगलकी फरमान’ जारी कर न सिर्फ उसे बल्कि उसके ससुराल पक्ष को भी समाज से बाहर कर दिया और 12 लाख रुपये का जुर्माना ठोका।

प्रेम विवाह के बाद सामाजिक बहिष्कार

पीड़िता ने 20 दिसंबर 2024 को आर्य समाज मंदिर, जोधपुर में प्रेम विवाह किया था, लेकिन जातीय पंचायत इस शादी से नाखुश थी और उसका विवाह किसी और से करवाना चाहती थी। जब उसने अपनी मर्जी से शादी कर ली, तो पंचायत ने परिवार का हुक्का-पानी बंद कर दिया और समाज से बहिष्कृत कर दिया।

पीड़िता ने दी आत्महत्या की धमकी

पीड़िता का कहना है कि उसने 4 दिन पहले प्रशासन से शिकायत की, लेकिन अब तक कोई राहत नहीं मिली है। लगातार उत्पीड़न से परेशान होकर उसने आत्महत्या की धमकी दी है।

पुलिस अधीक्षक से भी मिला चुकी है पीड़िता

पीड़िता ने 27 मार्च 2025 को जालौर जिला पुलिस अधीक्षक (SP) से मिलकर न्याय की गुहार लगाई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। पंचायत ने यह भी फरमान सुनाया कि अगर 12 लाख रुपये का जुर्माना नहीं भरा गया तो परिवार को आजीवन समाज से बाहर रखा जाएगा।

न्याय की मांग, लेकिन सुनवाई नहीं

पीड़िता का आरोप है कि पंचायत के दबाव में प्रशासन भी निष्क्रिय बना हुआ है और उसे पिछले तीन महीनों से किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में शामिल नहीं होने दिया जा रहा।

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