
Rajasthan News: दौसा विधानसभा में 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिस पर मंगलवार को सुनवाई होगी। इस याचिका में अधिवक्ता नरेंद्र कुमार मीना ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त, राज्य निर्वाचन आयुक्त, जिला निर्वाचन अधिकारी दौसा, और दौसा के रिटर्निंग अधिकारी को पक्षकार बनाया है।
याचिकाकर्ता के वकील, सुरेश कुमार शर्मा और डॉ. विभूतिभूषण शर्मा ने बताया कि याचिकाकर्ता इस उपचुनाव में उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना चाहता है। उसने नियमानुसार अपना नामांकन प्रस्तुत किया, लेकिन रिटर्निंग अधिकारी ने जानबूझकर उसके नामांकन को अस्वीकार कर दिया। बाद में उन्होंने उच्चाधिकारियों के साथ वीडियो कॉल में व्यस्त होने का हवाला देकर नामांकन पत्र लेने से इनकार कर दिया।

याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 34 के अनुसार एसटी वर्ग के उम्मीदवार से सिर्फ पांच हजार रुपए की फीस ली जानी चाहिए थी, लेकिन उससे दस हजार रुपए वसूले गए। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि फीस लेने के बाद रिटर्निंग अधिकारी का यह कर्तव्य था कि वह उसके नामांकन पत्र को स्वीकार करते।
इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि उसे एक मौजूदा विधायक द्वारा किसी अन्य उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार करने के लिए फोन कॉल भी किया गया, जो उसके अधिकारों का हनन है। याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया है कि उसका नामांकन स्वीकार कर उसे चुनाव प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर दिया जाए।
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