Rajasthan News: राजस्थान में प्रारंभिक बाल शिक्षा को मजबूत करने के लिए तीन साल की नई पहल ‘खेलो, सीखो, बढ़ो राजस्थान’ की शुरुआत की गई है। इस कार्यक्रम के तहत राज्य सरकार ने आईएमसी इंडिया और सेसमी वर्कशॉप इंडिया ट्रस्ट के साथ समझौता किया है।

यह परियोजना आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत बारां जिले में लागू होगी और किशनगंज व अत्रू ब्लॉकों के लगभग 8,000 बच्चों और 500 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इसका सीधा फायदा मिलेगा।

खेल और अनुभव से सीखने का मॉडल

कार्यक्रम का उद्देश्य आंगनबाड़ी केंद्रों को खेल आधारित, आनंददायक और समावेशी शिक्षण मॉडल में बदलना है। इसके तहत बच्चों की बुनियादी सीखने की क्षमता को बढ़ाने के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में जल, स्वच्छता और स्वास्थ्य (WASH) के बेहतर मानक स्थापित किए जाएंगे।

स्थानीय भाषाओं में बनेगी शिक्षण सामग्री

आईसीडीएस निदेशक वासुदेव मलावत ने बताया कि इस साझेदारी से राजस्थान में गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। सेसमी वर्कशॉप इंडिया की टीम उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षण-सामग्री, पज़ल, फ्लैश कार्ड, किताबें और गतिविधि पत्रक तैयार करेगी। इन पर क्यूआर कोड दिए जाएंगे, जिनसे हिंदी और स्थानीय भाषाओं में शैक्षणिक वीडियो देखे जा सकेंगे।

सेसमी वर्कशॉप इंडिया की प्रबंध निदेशक सोनाली खान ने कहा, हमारा उद्देश्य हर बच्चे को स्मार्ट, स्ट्रॉन्ग और काइंड बनने का अवसर देना है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या फ्रेमवर्क (NCF) 2022 के अनुरूप है।

माता-पिता की भूमिका भी होगी अहम

कार्यक्रम में पीयर लीडरशिप मॉडल के तहत आईसीडीएस पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित कर उन्हें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शक के रूप में जोड़ा जाएगा। साथ ही, बच्चों की साक्षरता और संख्यात्मक कौशल को मापने के लिए बेसलाइन और एंडलाइन मूल्यांकन होंगे।

आईएमसी इंडिया अपनी सीएसआर पहल के तहत तीन साल तक इस परियोजना का वित्तीय सहयोग करेगी। संस्था की चैरिटी मैनेजर कैरोलीना ब्रोज़ोव्स्का ने कहा, प्रारंभिक उम्र में किया गया निवेश पूरे समाज के लिए सबसे स्थायी प्रभाव छोड़ता है।

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