Rajasthan News: नागौर जिले में सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा इतिहास को लेकर दिए गए एक विवादित बयान के बाद हालात लगातार तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। इस बयान के खिलाफ क्षत्रिय करणी सेना ने 8 जून को एक विशाल महारैली आयोजित करने का ऐलान किया है, जिससे जिले में सामाजिक और राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। संभावित टकराव और कानून-व्यवस्था की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने पूरे जिले में 20 जून तक धारा 163 लागू कर दी है।

क्या है पूरा मामला?
सांसद हनुमान बेनीवाल के एक कथित बयान को लेकर क्षत्रिय समुदाय विशेष रूप से आक्रोशित है। करणी सेना के नेता राज शेखावत ने इस बयान को राजपूत इतिहास के अपमान के रूप में लेते हुए 8 जून को नागौर में महारैली का आयोजन करने की घोषणा की। इसके बाद से ही जिले में तनाव की स्थिति बन गई है।
राज शेखावत पिछले कई दिनों से नागौर के विभिन्न गांवों का दौरा कर रहे हैं और समाज के लोगों को इस रैली में भाग लेने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। लेकिन इसी बीच नागौर के कई राजपूत संगठनों ने इस रैली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
राजपूत समाज की आपत्ति: हम नहीं जानते राज शेखावत को
नागौर राजपूत समाज ने करणी सेना की इस महारैली पर सवाल उठाते हुए जिला प्रशासन से मांग की है कि इस आयोजन को रोका जाए। समाज के प्रतिनिधियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि यह रैली जिले में जातिवाद और सामाजिक वैमनस्य को भड़का सकती है।
राजपूत समाज के वरिष्ठ प्रतिनिधि नारायण सिंह भाटी ने यहां तक कहा कि राज शेखावत कौन हैं, हम उन्हें नहीं जानते। उन्होंने रैली को अनावश्यक और समाज को बांटने वाला कदम बताया।
करणी सेना का पलटवार: रैली होकर रहेगी
करणी सेना के नेता राज शेखावत ने अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारते हुए कहा कि महारैली तय समय पर जरूर आयोजित होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग सांसद बेनीवाल के साथ मिलकर करणी सेना की छवि को धूमिल करने का षड्यंत्र कर रहे हैं।
शेखावत ने कहा, यह हमारे स्वाभिमान की लड़ाई है, और हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। सांसद बेनीवाल को 8 जून को यह दिखा देंगे कि उन्होंने इतिहास को तोड़-मरोड़ कर जो बयान दिया, वह कितना गलत था।
प्रशासन का बड़ा फैसला: जिलेभर में धारा 163 लागू
करणी सेना और तेजवीर सेना के अलग-अलग आयोजनों, और सोशल मीडिया पर बढ़ते आक्रोश को ध्यान में रखते हुए नागौर जिला प्रशासन ने एहतियातन पूरे जिले में धारा 163 लागू कर दी है।
जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने बताया कि एसपी नागौर की रिपोर्ट के आधार पर यह कदम उठाया गया है। रिपोर्ट में बताया गया कि करणी सेना की महारैली और तेजवीर सेना के खरनाल में जुटान से जिले में सामाजिक तनाव बढ़ने की आशंका है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी भड़काऊ टिप्पणियों और जातिगत उकसावे की घटनाएं सामने आ रही हैं।
कलेक्टर ने कहा, कानून-व्यवस्था बनाए रखने और सामाजिक सौहार्द्र बिगड़ने से रोकने के लिए यह कदम जरूरी था। कोई भी ऐसा कार्यक्रम जो अनुमति के बिना किया जाएगा, उस पर सख्त कार्रवाई होगी।
8 जून पर सबकी नजरें
अब सभी की नजरें 8 जून को होने वाली करणी सेना की महारैली पर टिकी हैं। प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है। किसी भी तरह की अप्रिय घटना को टालने के लिए सभी संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ाई गई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला केवल एक सामाजिक विवाद नहीं, बल्कि इसके पीछे गहरी राजनीतिक रणनीतियां भी हैं। हनुमान बेनीवाल राजस्थान की राजनीति में एक मुखर नेता के रूप में जाने जाते हैं और उनके बयानों को लेकर पहले भी विवाद उठते रहे हैं।
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