Rajasthan News: मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने राज्य विधानसभा चुनाव-2023 को लेकर सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ बुधवार को सचिवालय में वीसी के माध्यम से डी- ब्रीफिंग की। उन्होंने बैठक में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों से विधानसभा चुनाव के अनुभवों को जाना तथा लोकसभा चुनाव-2024 की तैयारियों को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मतदाता सूचियों के शुद्धिकरण, सहायक मतदान केन्द्र, मतदान दिवस से पूर्व एवं मतदान दिवस के दिन मतदाता जागरूकता गतिविधियां, मीडिया एवं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ प्रबंधन, चुनाव के दौरान किए गए नवाचार, पोस्टल बैलेट्स एवं सुरक्षा प्रबंधन को लेकर सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों से अनुभव एवं चुनौतियों को लेकर विस्तार से चर्चा की।

प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर उन्होंने कहा कि अक्टूबर-दिसंबर 2023 तिमाही के दौरान 17 वर्ष से अधिक उम्र के युवाओं के नाम मतदाता सूची में शामिल करने के लिए आगामी 6 जनवरी से विशेष अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि मतदाता सूचियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान ट्रांसजेंडर, दिव्यांग एवं सहरिया आदिवासियों के नामांकन पर विशेष ध्यान दिया जाए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मतदाता सूचियों में फोटो सिमिलर एंट्री (पीएसई) एवं डेमोग्राफिक सिमिलर एंट्री (डीएसई) वाले दोहरे नाम हटाने के संबंध में जानकारी एवं निर्देश दिए। प्रदेश भर की मतदाता सूचियों में डीएसई के रूप में लगभग 51,000 एवं पीएसई के रूप में 1,10,439 दोहरे नाम अंकित हैं।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राजस्थान विधानसभा चुनाव- 2023 में मतदान प्रक्रिया व्यवस्थित ढंग से सम्पन्न करवाने के लिए निर्वाचन विभाग की ओर से मतदान दलों के प्रशिक्षण और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया। निर्वाचन विभाग की ओर से किए गए इस माइक्रो मैनेजमेंट से मतदान व्यवस्थित सम्पन्न हुआ और एक भी मतदान केन्द्र पर पुनर्मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी। मतदान दलों के प्रशिक्षण से लेकर, सामग्री वितरण और टीए-डीए के ऑनलाइन भुगतान तक उनकी सहूलियत के लिए निर्वाचन विभाग की ओर से कई पहल की गईं। मतदान दलों को तीन बार विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया और ईवीएम पर हैंड्स ऑन करवाया गया।

बैठक में श्रीगंगानगर जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा विकसित एप इलेक्शन बड्डी, भीलवाड़ा द्वारा सहज एप एवं झालावाड़ द्वारा विकसित सुविधामत एप से मतदाताओं को मिली सुविधाओं के बारे में बताया गया। 80 वर्ष एवं अधिक आयु के वृद्धजन और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं के लिए इस चुनाव में पहली बार आयोग की ओर से होम वोटिंग की सुविधा प्रदान की गई।

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