Rajasthan News: डूंगरपुर में स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार देर शाम जिला अस्पताल के निकट स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में छापेमारी की। अधिकारियों ने पाया कि इस अस्पताल में बिना गायनिक डॉक्टर के महिलाओं की डिलीवरी करवाई जा रही थी, और मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा था। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अस्पताल को सील कर दिया और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी।

लगातार मिल रही थीं शिकायतें

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. अलंकार गुप्ता ने बताया कि श्रीराम चिकित्सालय के खिलाफ लगातार शिकायतें आ रही थीं। इस पर एडिशनल सीएमएचओ डॉ. विपिन मीणा के नेतृत्व में अचानक निरीक्षण किया गया। टीम ने इस दौरान कई अनियमितताएं पाई, जिनके बारे में स्टाफ से पूछने पर किसी ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। अस्पताल में हो रहे नियम विरुद्ध कार्यों को देखते हुए इसे सील कर दिया गया।

बिना ट्रेनिंग काम कर रहा स्टाफ

सीएमएचओ ने बताया कि राम अस्पताल का पूर्व में रजिस्ट्रेशन किया गया था, लेकिन निरीक्षण के दौरान रजिस्टर्ड डॉक्टर जिगनेश डामोर और संचालक देवीलाल हडात मौके पर नहीं मिले। अस्पताल का रजिस्टर्ड डॉक्टर केवल डे-केयर (ओपीडी) के लिए था। इस दौरान अस्पताल में गर्भवती महिला मनीषा ननोमा और प्रसूता भंवरी ननोमा भर्ती पाई गईं। अस्पताल ने किसी विशेषज्ञ गायनिक डॉक्टर से एमओयू नहीं किया था और बिना प्रशिक्षित स्टाफ के द्वारा डिलीवरी करवाई जा रही थी।

किसी डॉक्टर के साइन नहीं मिले

एसीएमएचओ डॉ. विपिन मीणा ने बताया कि मौके पर मौजूद एडमिशन फॉर्म में किसी भी गायनिक डॉक्टर या अन्य किसी डॉक्टर के हस्ताक्षर नहीं पाए गए। अस्पताल में भारी अनियमितता देखने को मिली, जिसके चलते अस्पताल को सील कर आगे की कार्रवाई शुरू की गई। इस निरीक्षण टीम में एसीएमएचओ डॉ. विपिन मीणा, बीसीएमओ डॉ. जयेश परमार, जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी विशाल जैन, एनयूएचएम डीपीएम मनीष शर्मा और डीपीसी डॉ. किशोरलाल वर्मा शामिल थे।

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