Rajasthan News: राजस्थान के टोंक जिले में उपचुनाव के दौरान हुए थप्पड़कांड के मामले में गिरफ्तार नरेश मीणा अब भी जेल में हैं। पिछले साल 14 नवंबर से जेल में बंद नरेश की जमानत याचिका राजस्थान हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। इसके बाद उनके माता-पिता ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की, जिसके बाद 25 फरवरी को प्रस्तावित विधानसभा घेराव स्थगित कर दिया गया है।

हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की

14 फरवरी को राजस्थान हाईकोर्ट ने नरेश मीणा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने इस मामले को गंभीर मानते हुए कहा कि इस तरह के अपराधियों को जमानत का लाभ नहीं मिलना चाहिए, ताकि समाज में सही संदेश जाए। हाईकोर्ट के फैसले से नरेश के समर्थकों को झटका लगा, जिन्हें उनकी जल्द रिहाई की उम्मीद थी।

सीएम से मुलाकात में क्या हुआ?

नरेश मीणा के माता-पिता ने 19 फरवरी को जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है। चर्चा के दौरान हिंसा पीड़ितों को मुआवजा देने और मुकदमे वापस लेने पर भी बात हुई। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा।

विधानसभा घेराव स्थगित

सीएम के आश्वासन के बाद 25 फरवरी को प्रस्तावित विधानसभा घेराव को स्थगित कर दिया गया है। नरेश के पिता ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री पर भरोसा है, इसलिए फिलहाल आंदोलन वापस लिया जा रहा है। सरकार ने 23 मार्च तक समाधान का आश्वासन दिया है, अगर तय समय तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो आगे की रणनीति पर पुनर्विचार किया जाएगा।

क्या है पूरा मामला?

नरेश मीणा ने टोंक जिले की देवली-उनियारा सीट से कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। उपचुनाव के मतदान के दिन उन्होंने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था, जिसके बाद समरावता गांव में हिंसा भड़क गई। इस मामले में उन्हें गिरफ्तार कर टोंक जेल भेज दिया गया था। उनकी रिहाई की मांग को लेकर राजस्थान के कई जिलों में बड़े प्रदर्शन हो चुके हैं, लेकिन हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के कारण वे अभी भी जेल में हैं।

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