Rajasthan News: राजस्थान दिवस अब हर साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाएगा, बजाय पूर्व निर्धारित कैलेंडर तिथि के। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने विधानसभा में वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान यह महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह बदलाव भारतीय परंपरा और संस्कृति के अनुरूप किया गया है, जिससे 75 वर्षों बाद राजस्थान दिवस भारतीय नववर्ष के साथ मनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सरदार वल्लभ भाई पटेल के 30 मार्च 1949 के ऐतिहासिक भाषण का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने राजस्थान के एकीकरण और इसके वृहद निर्माण को विशेष महत्व दिया था। साथ ही, उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार राज्य के समग्र विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और जनता की सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ेगी।

राज्य के विकास पर सरकार का जोर

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने अपनी सरकार के पहले वर्ष की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिसमें शामिल हैं:

  • ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर संयंत्रों की स्थापना
  • सौर ऊर्जा उत्पादन में 6 गुना वृद्धि
  • गौशालाओं को 65% अधिक सहायता राशि
  • अस्पतालों की संख्या में वृद्धि
  • पंचायती राज संस्थाओं को तीन गुना अधिक बजट आवंटन
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों के निर्माण में ढाई गुना वृद्धि

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य की सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में तेजी से वृद्धि हो रही है। वर्ष 2024-25 में यह आंकड़ा 197 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि 2028-29 तक इसे 350 बिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य है।

मैं मुख्यमंत्री नहीं, जनसेवक हूं

राज्य की कार्यशैली और विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने खुद को “जनसेवक” बताया। उन्होंने श्रीमद्भगवद गीता के तीसरे अध्याय के 19वें श्लोक का हवाला देते हुए कहा कि विपक्ष के नेता ने सरपंचों के सम्मेलन में उनकी उपस्थिति पर सवाल उठाए थे, लेकिन वह हमेशा आम जनता के बीच रहकर उनकी सेवा करने में विश्वास रखते हैं।

इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने पूर्व सरकार की अव्यवस्थित शहरी विकास नीतियों पर सवाल उठाए और इन मामलों की उच्च स्तरीय जांच कराने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश के हर क्षेत्र में पारदर्शिता और विकास को प्राथमिकता देगी।

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