Rajasthan News: केंद्र सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार शर्मा की समयपूर्व प्रतिनियुक्ति समाप्त करते हुए उन्हें राजस्थान कैडर में वापस भेजने की अनुमति दे दी है। फिलहाल वे नई दिल्ली में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPR&D) के महानिदेशक के पद पर कार्यरत हैं। माना जा रहा है कि वे गुरुवार को राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (DGP) के रूप में पदभार ग्रहण कर सकते हैं।

गृह मंत्रालय के प्रस्ताव को कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने मंजूरी दे दी है। इसके बाद गृह मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन ने संबंधित अधिकारियों और विभागों को इस निर्णय की जानकारी दे दी है।

परिवार ने दी मिठाई खिलाकर बधाई, मथुरा में खुशी का माहौल

राजीव शर्मा के राज्य में लौटने और डीजीपी बनने की अटकलों के बीच मथुरा स्थित उनके परिवार का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें परिवारजन एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दे रहे हैं। उनका परिवार लंबे समय से इस पद के लिए आशान्वित था।

1990 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव शर्मा उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले से ताल्लुक रखते हैं और ओबीसी वर्ग से आते हैं। उनका करियर राजस्थान पुलिस सेवा में बहुआयामी रहा है। वे भरतपुर और जयपुर नॉर्थ में एसपी, भरतपुर और बीकानेर रेंज के आईजी, और राजस्थान पुलिस अकादमी के निदेशक जैसे पदों पर सेवाएं दे चुके हैं।

उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के डीजी और कानून-व्यवस्था के डीजी के रूप में भी अपनी जिम्मेदारियाँ निभाईं। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली में सीबीआई में भी सेवाएं दी हैं, जो उनके प्रशासनिक अनुभव को और समृद्ध बनाता है।

राष्ट्रपति पुलिस पदक से हो चुके हैं सम्मानित

राजीव शर्मा को 2014 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था। यह सम्मान उन्हें पुलिस सेवा में उनके उत्कृष्ट कार्य और निष्कलंक रिकॉर्ड के लिए मिला था।

अब निगाहें राजस्थान सरकार के आधिकारिक आदेश पर

हालांकि केंद्र सरकार ने उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर राजस्थान लौटने का रास्ता साफ कर दिया है, लेकिन अब राजस्थान सरकार द्वारा डीजीपी नियुक्ति के औपचारिक आदेश का इंतजार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री कार्यालय जल्द ही इस संबंध में अधिसूचना जारी कर सकता है।

राजस्थान पुलिस को मिलेगा अनुभवी नेतृत्व

राजीव शर्मा की नियुक्ति से राजस्थान पुलिस को एक ऐसा डीजीपी मिलेगा, जिसके पास जमीनी अनुभव, प्रशासनिक दृष्टिकोण और नीतिगत समझ का गहन मेल है। सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर राज्य को उनका मार्गदर्शन मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

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