Rajasthan News: चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने देश के विभिन्न राज्यों में कोविड के मामले सामने आने के बाद चिकित्सा विभाग को सतर्कता बरतने और एहतियातन आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कोविड प्रबंधन के लिए चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवप्रसाद नकाते की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कमेटी गठित करते हुए ग्रेडेड रेस्पॉन्स सिस्टम (केसेज की संख्या के अनुसार चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता) तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं, ताकि आवश्यकता होने पर रोगियों को तत्काल आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।

उन्होंने कल कोविड-19, आईएलआई तथा एसएआरआई रोगी की समीक्षा कर रही थीं। बैठक में बताया गया कि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार कोविड का नया सब वैरिएंट सॉर्स कॉव-2 जेएन.1 खतरनाक नहीं है। इस सब वैरिएंट से पॉजिटिव हुए करीब 90 प्रतिशत रोगियों को अस्पताल में भर्ती किए जाने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है।

सॉर्स कॉव-2 जेएन.1 सब वैरिएंट से खतरा नहीं होने के बावजूद प्रदेश में एहतियात के तौर पर कोविड प्रबंधन से जुड़ी सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने प्रदेश के राजकीय अस्पतालों के साथ ही निजी अस्पतालों में भी जांच, दवा, बैड, ऑक्सीजन सहित अन्य चिकित्सा सुविधाओं को परखने के लिए 26 दिसम्बर को पुनः मॉक ड्रिल किए जाने के निर्देश दिए।

एडवाइजरी जारी करने के निर्देश

उन्होंने कोविड प्रबंधन को लेकर जिला कलेक्टर्स को पत्र लिखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोविड से बचाव एवं तैयारियों के लिए भारत सरकार की एडवाइजरी के अनुरूप प्रदेश में भी एडवाइजरी जारी की जाए, ताकि आमजन जागरूक रहें और चिकित्सा संस्थान अलर्ट मोड में रहें। उन्होंने कहा कि आईएलआई एवं श्वसन रोगों से पीड़ित गंभीर रोगियों की सतत निगरानी की जाए तथा आवश्यकतानुसार जांच हेतु नमूने लिए जाएं। साथ ही, रोगियों की सूचना प्रतिदिन आईएचआईपी पोर्टल पर अपलोड की जाए।

जैसलमेर में मिले दो कोविड पॉजिटिव

बैठक में निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि प्रदेश में जैसलमेर जिले में दो कोविड पॉजिटिव केस सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार इससे चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। यह वायरस गंभीर प्रकृति का नहीं है, इसलिए दोनों रोगियों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है।

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