Rajasthan News: जयपुर. इस बार केन्द्र के बजट से राजस्थान सरकार को अपना बजट पहले पेश करने से कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. चूंकि हर बार केन्द्रीय बजट से मिलने वाली राशि का सही आंकलन कर राजस्थान सरकारें अपना बजट पेश करते आ रही है.
इस बार केन्द्र से पहले राजस्थान सरकार को अपना फुल बजट पेश करने की मजबूरी बन गई है. हालांकि वित्त विभाग के सूत्रों का तर्क है कि इस फुल बजट में बाद में संशोधन कर दिया जाएगा और ऐसा होती भी रहा है. लेकिन इस फुल बजट में नई घोषणाओं को लेकर असंमजस की स्थिति बनी हुई है. चूंकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार का यह पहला फुल बजट होगा. इसे लोक लुभावना बनाने के लिए कई बड़ी घोषणाएं भी करना राज्य सरकार के लिए जरूरी है. अगर बीस सालों का इतिहास देखे, तो लेखानुदान के बाद हर बार केन्द्र सरकार के बजट पेश करने के बाद ही राजस्थान सरकार ने अपना बजट सदन में रखा है.
राजस्थान की नई भजनलाल सरकार का पहला बजट सत्र तीन जुलाई से शुरू होगा. माना जा रहा है कि राज्य सरकार 10 जुलाई को अपना बजट पेश करेगी. लेकिन केंद्र सरकार का बजट 21 जुलाई के आस-पास प्रस्तावित है. ऐसे में केंद्र के बजट से पहले राज्य सरकार बजट पेश करती है तो केंद्रीय बजट से इस वित्तीय वर्ष में मिलने वाली राशि का सही आंकलन नहीं हो सकता है.
इस स्थिति से निपटने के लिए नए सिरे से प्रावधान किए जा रहे हैं. राज्य सरकार जनवरी में वोट ऑन अकाउंट पेश कर चुकी है. वोट ऑन अकाउंट सिर्फ एक बार लिया जा सकता है वह भी तय समय के लिए. राज्य सरकार ने 31 जुलाई तक ले रखा है. इसलिए अब भजनलाल सरकार को फुल बजट ही पेश करना होगा. हालांकि केंद्रीय बजट में मिलने वाली राशि में घटत-बढ़त होती है तो इसे बाद में कम ज्यादा किया जा सकता है. संविधान में बजट सिर्फअनुमान होते हैं. इसलिए इसे बाद में संशोधित किया जा सकता है. हर बार राज्य सरकारें ऐसा करती भी हैं.
ये रहा 20 साल का इतिहास
वर्ष 2004 में केन्द्र ने आठ जुलाई को अपना फुल बजट पेश किया था, तो राजस्थान सरकार ने चार दिन बाद 12 जुलाई को पेश किया. इसी प्रकार साल 2009 में केन्द्र ने छह जुलाई को अपना फुल बजट पेश किया था, तब राज्य सरकार ने दो दिन बाद आठ जुलाई को पेश किया था. कमोबेश कुछ इसी तरह के हालात साल 2014 में बने थे. उस समय भी केन्द्र ने अपना फुल बजट 10 जुलाई को पेश किया था. इसके चार दिन बाद 14 जुलाई को राज्य सरकार वे अपना बजट पेश किया था. पांच साल पहले 2019 में पांच जुलाई को केन्द्र सरकार ने अपना फुल बजट पेश किया, तो राज्य सरकार ने दस जुलाई को पेश किया था.