Rajasthan News: राजस्थान हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) का आदेश खारिज कर दिया। कोर्ट ने अभ्यर्थी महेंद्र चौधरी को आगामी वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी है। RPSC ने उन पर सब-जेलर परीक्षा के दौरान हंगामा करने का आरोप लगाकर एक साल के लिए सभी परीक्षाओं से डिबार कर दिया था।

क्या है मामला?
महेंद्र चौधरी ने 2024 की सब-जेलर परीक्षा दी थी। उनका कहना था कि प्रश्न पत्र ठीक से सीलबंद नहीं था। जब उन्होंने इस पर आपत्ति जताई तो RPSC ने इसे अनुशासनहीनता और हंगामा माना। इसके बाद आयोग ने 13 जुलाई 2025 से 12 जुलाई 2026 तक उन्हें सभी परीक्षाओं से वंचित कर दिया। इस कार्रवाई के चलते वे वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे थे।
हाई कोर्ट की सुनवाई
अभ्यर्थी की ओर से अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने दलील दी कि प्रश्न पत्र की सील पर आपत्ति उठाना अनुशासनहीनता नहीं हो सकता। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद माना कि इस तरह की आपत्ति पर पूरे एक साल का डिबार करना अत्यधिक कठोर फैसला है। एकलपीठ ने आदेश दिया कि महेंद्र चौधरी को 9 सितंबर को होने वाली वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में शामिल होने दिया जाए। अदालत ने साफ कहा कि किसी भी अभ्यर्थी की छोटी-सी आपत्ति को हंगामा मान लेना न्यायोचित नहीं है।
RPSC को निर्देश
हाई कोर्ट ने RPSC को तत्काल आदेश का पालन करने के निर्देश दिए। कोर्ट का यह फैसला उन अभ्यर्थियों के लिए मिसाल माना जा रहा है जो परीक्षा केंद्रों पर गड़बड़ी या अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाते हैं।
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