Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सड़क दुर्घटनाओं से बचाव के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए जाने के बावजूद पिछले आठ सालों से सरकार ने इस मुद्दे पर कोई जवाब पेश नहीं किया। मामले की सुनवाई के दौरान भी सरकारी प्रतिनिधि की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताते हुए अदालत ने मुख्य सचिव को 27 नवंबर को स्वयं अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया है।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार इस गंभीर मुद्दे का समाधान करने में पूरी तरह से विफल रही है। न्यायमूर्ति अशोक कुमार जैन की एकलपीठ ने कहा कि यह मामला जनता की सुरक्षा और यातायात सुधार से जुड़ा है, जिसके प्रति सरकार की उदासीनता चिंताजनक है। मामले की सुनवाई टालते हुए अदालत ने राज्य सरकार पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाया है, जिसे राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराने का आदेश दिया गया है।
गौरतलब है कि 7 मई, 2015 को कोर्ट ने सरकार को जयपुर में फ्लाईओवर और सड़क चौड़ीकरण, चौराहों के विकास, सार्वजनिक परिवहन में सुधार, अतिक्रमण हटाने और पैदल मार्ग एवं साइकिल पथों का विकास सहित 25 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर निर्देश जारी किए थे। इसके बावजूद 2015 से अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
हाईकोर्ट ने आठ सालों से चल रही इस अनदेखी पर गहरी चिंता व्यक्त की और राज्य सरकार की लापरवाही पर जवाबदेही तय करने के लिए मुख्य सचिव को तलब किया।
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