Rajasthan News: राजस्थान के बाड़मेर जिले में रामसर उपखंड अधिकारी (SDM) अनिल जैन पर जमीनों की खरीद-फरोख्त में अनियमितताओं का गंभीर आरोप लगा है। अनिल जैन ने अपने परिवार के नाम पर प्रतिबंधित क्षेत्र में सस्ती दरों पर जमीन खरीदकर इसे सोलर कंपनियों को महंगे दामों में बेच दिया। मामले में सीलिंग एक्ट के उल्लंघन और स्टांप ड्यूटी चोरी जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।

रामसर और गडरा रोड क्षेत्र में बाहरी व्यक्तियों को जमीन खरीदने की अनुमति नहीं है। बावजूद इसके, अनिल जैन ने 10,000 से 40,000 रुपये प्रति बीघा की दर से जमीन खरीदकर सोलर कंपनियों को 1 लाख रुपये से अधिक प्रति बीघा के हिसाब से बेची। यह खरीद-फरोख्त अक्सर रात में हुई, जिससे शक और गहराता है। कई जमीनें विवादित थीं, जिन्हें अनिल जैन ने अपने पद का दुरुपयोग कर अपने पक्ष में निर्णय दिलवाया और फिर अपने परिवार के नाम रजिस्ट्री करवाईं।

अनिल जैन ने लगभग 2400 बीघा जमीन अपने परिवार के नाम करवाई, जिसमें 1500 बीघा उनकी मां अणसी देवी के नाम पर है। जबकि सीलिंग एक्ट के तहत एक व्यक्ति अधिकतम 437 बीघा जमीन ही खरीद सकता है। इसके अलावा, रजिस्ट्रियों में स्टांप ड्यूटी की चोरी भी सामने आई है। पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए जमीनें खरीदी गईं, लेकिन इनका पंजीकरण नहीं कराया गया, जिससे सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ।

किसानों पर झूठे मुकदमे दर्ज कराए गए और दबाव बनाकर जमीनें खरीदी गईं। जिन किसानों ने जमीन बेचने से इनकार किया, उनका ट्रांसफर दूरस्थ स्थानों पर करवा दिया गया। एक शिक्षक को तबादले की धमकी दी गई, जबकि एक किसान पर झूठा विवाद खड़ा कर जमीन हथियाई गई।

अनिल जैन ने आरोपों से इनकार करते हुए इसे अपने परिवार का पारंपरिक कारोबार बताया। उन्होंने कहा कि उनका परिवार लोगों को उधार देता है और पैसे नहीं चुकाने पर जमीनें ले लेता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर टीना डाबी ने जांच के आदेश दिए हैं।

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