Rajasthan News: राजस्थान के जोधपुर में आज स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का भव्य लोकार्पण हुआ। 10 दिन तक चले प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव का समापन आज सुबह 7 बजे शुरू हुए अनुष्ठान के साथ हुआ, और शाम 5 बजे मंदिर का औपचारिक उद्घाटन गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। यह मंदिर राजस्थान का पहला और देश का तीसरा अक्षरधाम मंदिर है।

आइए, जोधपुर के इस भव्य मंदिर की 10 खास बातों पर नजर डालें।

  1. देश का तीसरा अक्षरधाम मंदिर: जोधपुर का स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर भारत में गांधीनगर और दिल्ली के बाद तीसरा अक्षरधाम मंदिर है।
  2. विश्व में पांचवां मंदिर: यह दुनिया का पांचवां अक्षरधाम मंदिर है। भारत के दो मंदिरों के अलावा, लंदन (ब्रिटेन) और अबू धाबी (संयुक्त अरब अमीरात) में भी स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर हैं।
  3. स्थान और निर्माण: मंदिर जोधपुर के सूरसागर क्षेत्र में कालीबेरी में बनाया गया है। इसका निर्माण 7 वर्षों में 500 कुशल शिल्पकारों द्वारा पूरा हुआ, जो पिंडवाड़ा, सागवाड़ा, भरतपुर, जोधपुर, और जयपुर जैसे क्षेत्रों से थे।
  4. विशाल परिसर: मंदिर 42 बीघा क्षेत्र में फैला है, जिसमें 10 बीघा उद्यान क्षेत्र शामिल है, जहां 500 पेड़ और 5,500 पौधे लगाए गए हैं।
  5. पारंपरिक सामग्री: मंदिर का निर्माण पूरी तरह जोधपुर के बलुआ पत्थर और संगमरमर से किया गया है, जिसमें 1,11,111 क्यूबिक फीट पत्थर का उपयोग हुआ।
  6. इंटरलॉकिंग तकनीक: मंदिर में धातु, सीमेंट या गारे का उपयोग नहीं हुआ। इसके बजाय, पत्थरों की इंटरलॉकिंग प्रणाली अपनाई गई है।
  7. वास्तुशिल्प भव्यता: मंदिर की जगती और अभिषेक मंडल 11,551 वर्ग फीट के हैं। इसमें 5 शिखर, 1 विशाल गुंबद, और 14 छोटे गुंबद हैं। मंदिर 191 फीट लंबा, 181 फीट चौड़ा, और 111 फीट ऊंचा है।
  8. प्राकृतिक वातानुकूलन: मंदिर की चारदीवारी 1,100 फीट लंबी है, जिसमें पत्थर की जालीदार दीवारें प्राकृतिक वेंटिलेशन प्रदान करती हैं।
  9. नागर शैली की वास्तुकला: मंदिर 10वीं से 13वीं शताब्दी की नागर शैली में बना है, जो मारू-गुर्जर या सोलंकी शैली के रूप में जानी जाती है। यह राजस्थान और गुजरात की प्राचीन वास्तुकला का प्रतीक है।
  10. आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व: यह मंदिर न केवल धार्मिक केंद्र है, बल्कि राजस्थान की सांस्कृतिक और वास्तुशिल्प विरासत को भी दर्शाता है।

पढ़ें ये खबरें