Rajasthan News: पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि राज्य सरकार डेयरी व्यवसाय के माध्यम से किसानों, महिलाओं और युवाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के नेटवर्क का गांव-गांव तक विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डेयरी में भ्रष्टाचार अथवा मिलावट को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पशुपालन एवं डेयरी मंत्री ने विधानसभा में राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन लिमिटेड के वर्ष 2018-19 से 2021-22 के वार्षिक प्रतिवेदनों पर विचार के उपरान्त अपना वक्तव्य दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार डेयरी के विकास और पशुपालकों को आर्थिक सशक्त बनाने की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य सरकार पशुपालकों के हित में बीमा योजना का दायरा बढ़ाने पर विचार कर रही है, जिसके तहत सभी पशुओं का बीमा किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लायी गई पशु बीमा योजना विफल रही। मंत्री कुमावत ने कहा कि पशु चिकित्सालयों में रिक्त पदों पर जल्दी ही भर्तियां की जाएंगी। साथ ही, न्यायालय में अटकी 900 पशु चिकित्सकों की भर्ती में भी प्रकरण का निस्तारण होने पर शीघ्र नियुक्तियां दे दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एक बड़ी पहल करते हुए प्रदेशभर में 536 मोबाइल वेटरनरी युनिट की शुरूआत की है। इसके लिए शीघ्र ही एक कॉल सेंटर शुरू किया जाएगा, जिस पर कॉल करने पर मोबाइल वेटरनरी यूनिट उपचार के लिए पशुपालक के घर पर पहुंचेगी।
कुमावत ने राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन के पिछले वर्षों के टर्न ओवर और शुद्ध लाभ की जानकारी देते हुए बताया कि संघ निरन्तर मुनाफे में चल रहा है। दूध उत्पादन में राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने बताया कि डेयरी के माध्यम से दूध संकलन में गुजरात और कर्नाटक के बाद राजस्थान तीसरे स्थान पर है। प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद समितियों का गठन कर 13 हजार से अधिक नये सदस्य जोड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि सरस डेयरियों के माध्यम से आमजन को दूध व दूध से बने शुद्ध उत्पाद उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। साथ ही, मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के अंतर्गत स्कूली विद्यार्थियों के लिए दूध की आपूर्ति की जा रही है।
पशुपालन एवं डेयरी मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री दुग्ध संबल योजना के तहत दिया जाने वाला 5 रुपये प्रति लीटर का अनुदान अब डीबीटी के माध्यम से सीधे पशुपालक के खाते में हस्तांतरित किया जा रहा है, जिससे इसमें भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं रहे। इस योजना के अंतर्गत 525 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
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