Rajasthan News: राजस्थान के शहरी और शहरी परिधि क्षेत्रों में 2000 वर्गमीटर तक की कृषि भूमि की रजिस्ट्री अब और महंगी हो गई है। पहले यह नियम केवल 1000 वर्गमीटर तक की भूमि पर लागू था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 2000 वर्गमीटर कर दिया गया है।

नया नियम यह भी है कि सड़क की चौड़ाई के आधार पर रजिस्ट्री शुल्क में बढ़ोतरी होगी। वित्त विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर नई दरें लागू कर दी हैं। यह नियम नगर निगम, नगरपालिका, नगर परिषद, नगर विकास न्यास और विकास प्राधिकरण के क्षेत्रों में लागू होगा।नए नियमों के तहत सड़क की चौड़ाई के आधार पर चार श्रेणियां बनाई गई है। अगर भूमि 40 फीट से अधिक चौड़ी सड़क पर स्थित है, तो डीएलसी दर में 10 से 20 प्रतिशत तक की अतिरिक्त वृद्धि होगी।
दरें इस प्रकार है
- 40 फीट तक की सड़क: जिला स्तरीय कमेटी तय करेगी।
- 40 फीट से अधिक और 60 फीट से कम: 10% वृद्धि।
- 60 फीट से अधिक और 100 फीट से कम: 15% वृद्धि।
- 100 फीट और उससे अधिक: 20% वृद्धि।
क्यों लिया गया यह फैसला?
अधिकारियों का कहना है कि शहरी क्षेत्रों में 2000 वर्गमीटर तक की कृषि भूमि का उपयोग ज्यादातर आवासीय और व्यावसायिक कार्यों के लिए हो रहा है, न कि कृषि के लिए। बिल्डर और डेवलपर्स इसका फायदा उठाकर कम दरों पर रजिस्ट्री करवाते थे, जिससे सरकार को हर साल करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा था। इस नुकसान को रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
बिल्डर और डेवलपर्स पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से बिल्डर और डेवलपर्स पर भी आर्थिक बोझ बढ़ेगा, क्योंकि अब उन्हें अधिक शुल्क देना होगा। यह बदलाव शहरी क्षेत्रों में जमीन के लेन-देन और विकास परियोजनाओं को भी प्रभावित कर सकता हैं।
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