Rajasthan News: राजस्थान के जोधपुर शहर में अपराध की घटनाएं आम लोगों के लिए चिंता का सबब बन रही हैं। इस साल जनवरी से अब तक पुलिस कमिश्नरेट क्षेत्र में 104 नकबजनी, 10 लूट और 2 बलवा के मामले दर्ज किए गए हैं। चोरों ने मकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर लाखों रुपये के सोने-चांदी के जेवरात और नकदी चुराई है। हालांकि पुलिस ने कुछ मामलों में चोरों को गिरफ्तार किया है, लेकिन नकबजनी और लूट की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।

कभी अपनी अपणायत और भाईचारे के लिए मशहूर जोधपुर में अब लोग घर खाली छोड़ने से डरने लगे हैं। पहले लोग बिना किसी चिंता के देर रात तक सड़कों पर घूमते थे और घर लॉक कर बाहर जा सकते थे, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। चोर दिन में ताला लगे मकानों की रेकी करते हैं और रात में चोरी की वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं।

क्या कहते है आंकड़े ?

पुलिस कमिश्नर कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, इस साल नकबजनी की घटनाएं पिछले साल की तुलना में कम हुई हैं। वर्ष 2024 में 145 नकबजनी की घटनाएं दर्ज हुई थीं, जबकि 2025 में अब तक 104 मामले सामने आए हैं। लूट की घटनाएं भी 2024 के 35 से घटकर 2025 में 10 हो गई हैं। डकैती का कोई मामला इस साल दर्ज नहीं हुआ, जबकि पिछले साल एक मामला था। बलवा के मामले भी 2024 में 4 से घटकर 2025 में 2 रह गए हैं। फिर भी, ये आंकड़े शहरवासियों के लिए चिंताजनक बने हुए हैं।

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि स्मैक और एमडी जैसे मादक पदार्थों की लत युवाओं को अपराध की ओर धकेल रही है। नशे की लत को पूरा करने के लिए युवा वाहन चोरी और सूने मकानों में नकबजनी जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस का दावा है कि अपराध की दर में कमी आई है, लेकिन आम लोग अब भी घर खाली छोड़ने से कतराने लगे हैं।

पुलिस ने कई मामलों में चोरों को गिरफ्तार किया है, लेकिन नकबजनी और लूट की घटनाएं पूरी तरह थम नहीं रही हैं। शहर में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए पुलिस को निगरानी बढ़ाने और नशे के कारोबार पर सख्ती करने की जरूरत है। जोधपुरवासियों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाने की मांग अब जोर पकड़ रही है।

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