Rajasthan News: राजस्थान में बीजेपी संगठन के भीतर नियुक्तियों को लेकर जारी अंदरूनी खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है। मंडल अध्यक्षों की सूची जारी होने के बाद राजसमंद में इस पर रोक लगानी पड़ी, वहीं कई जिलों में लिस्ट का अब तक इंतजार है। यह विवाद अब मंडल अध्यक्ष से आगे बढ़कर जिलाध्यक्ष के चयन तक पहुंच गया है, जिससे संगठन की प्रक्रिया में देरी हो रही है।

बीजेपी ने पहले 30 दिसंबर तक जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा और 15 जनवरी तक प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन करने का लक्ष्य तय किया था, लेकिन अब तक 39 जिलाध्यक्षों की घोषणा बाकी है। माना जा रहा है कि यह प्रक्रिया 31 जनवरी तक पूरी हो सकती है।
निर्धारित थी तय समयसीमा
- 5 दिसंबर तक बूथ अध्यक्षों का चुनाव।
- 15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति।
- 30 दिसंबर तक जिलाध्यक्षों की सूची जारी होनी थी।
लेकिन आंतरिक विरोध और विवाद के चलते यह प्रक्रिया अब महीनों पीछे चल रही है। प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, जो 2022 से अपने पद पर कार्यरत हैं, फिलहाल पुरानी टीम के साथ काम कर रहे हैं। पार्टी आगामी 2028 विधानसभा और 2029 लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए सक्रिय और प्रतिबद्ध चेहरों को जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी में है।
राजसमंद: 14 मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति पर लगी रोक
राजसमंद जिले में 14 मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति का ऐलान किया गया था, लेकिन इसके बाद आंतरिक विरोधों के चलते पार्टी को इन नियुक्तियों पर रोक लगानी पड़ी। प्रदेश सहसंयोजक योगेंद्र सिंह तंवर ने आदेश जारी कर नियुक्तियों को स्थगित किया। यह निर्णय तब लिया गया जब पार्टी की प्रदेश अपील समिति के समक्ष नवनिर्वाचित मंडल अध्यक्षों की सूची के खिलाफ शिकायतें दर्ज की गईं।
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