Rajasthan News: प्रदेश के देवस्थान विभाग के मंदिरों को लोकप्रिय बनाने और और आम जनता तक इसकी जानकारी पहुंचाने के उद्देश्य से देवस्थान और पर्यटन विभाग के बीच एक समझौता करने पर विचार किया जा रहा है। देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने गुरुवार को देवस्थान विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इस बारे में प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए।

मंत्री कुमावत ने कहा कि हमारे मंदिर पुरातात्विक दृष्टि से श्रेष्ठ मंदिर हैं। पर हमारे इन मंदिरों में लोगों का आना—जाना कम है। साथ ही आर्थिक दृष्टि से भी ये सरकार पर निर्भर हैं। अगर इन्हें पर्यटन विभाग से जोड़ दिया जाए तो इनमें पर्यटकों का आना जाना तो बढ़ेगा ही साथ ही इनकी आय भी बढ़ेगी। उन्होंने इसके लिए प्रदेश के 50-100 मंदिरों का चयन करने का निर्देश दिया जो पुरातत्व की दृष्टि से उत्कृष्ट हैं।

उन्होंने देवस्थान विभाग के मंदिरों के विकास के संबंध में कार्ययोजना पर चर्चा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि नंदन कानन योजना पर और अधिक ध्यान दिए जाने की जरूरत है। इससे हमारे मंदिरों का सौंदर्यीकरण तो होगा ही साथ ही पर्यावरण पर भी इसका सकारात्मक असर होगा।

मंत्री कुमावत ने विभाग में लंबे समय से लंबित प्रकरणों पर नाराजगी जाहिर करते हुए जल्द से जल्द उनका निस्तारण करने के निर्देश दिए और कहा कि भविष्य में प्रयास होना चाहिए कि कोई भी मामला लंबे समय तक लंबित न रहे।

उन्होंने कहा कि देवस्थान विभाग में निर्माण के बहुत कार्य होते हैं और इसके लिए विभाग को दूसरे विभागों पर निर्भर रहना पड़ता है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्माण का एक अलग प्रकोष्ठ बनाने के लिए प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया। अलग निर्माण प्रकोष्ठ बन जाने से विभाग के निमार्ण कार्यों में विलंब नहीं होगा और मंदिरों का सौंदर्यीकरण भी प्रभावित नहीं होगा। मंत्री ने विभाग में खाली पड़े रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया भी जल्द पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने राजस्थानवासियों के अयोध्या में देवदर्शन के लिए साल भर ट्रेन चलाने के प्रस्ताव बनाने के भी निर्देश दिए।

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