Rajasthan News: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के बिजोलिया थाना पुलिस पर दलित युवकों के साथ अमानवीय व्यवहार और मारपीट के गंभीर आरोप लगे हैं। मामला 12 फरवरी का है, जब तीन दलित युवकों को पुलिस ने हिरासत में लिया और कथित रूप से उनके साथ बेरहमी से मारपीट की, उनके कपड़े उतरवाए और प्राइवेट पार्ट के आसपास के बाल उखाड़ दिए। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर भीलवाड़ा एसपी को बर्खास्त करने की मांग जोर पकड़ रही है।

SHO ने आरोपों को बताया बेबुनियाद

बिजोलिया थाने के SHO लोकपाल सिंह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि युवकों को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनका मेडिकल परीक्षण भी कराया गया, जिसके दस्तावेज मौजूद हैं। मारपीट और अमानवीय व्यवहार के आरोप गलत हैं।

उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस किसी भी तरह के दुर्व्यवहार में शामिल नहीं थी और इस मामले की जानकारी सभी वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है।

युवकों का आरोप, पुलिस ने जातिगत गालियां देकर पीटा

पीड़ित गोपाल भील ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वह अपने साथियों जगदीश भील और सुरेश भील के साथ मजदूरी करने जा रहा था। बिना किसी कारण पुलिस ने उन्हें जबरन गाड़ी में बिठाया। थाने में ले जाकर पूरी रात बेरहमी से पीटा और जातिगत गालियां दी। प्राइवेट पार्ट के आसपास के बाल भी उखाड़े गए।

उनका कहना है कि 12 से 13 फरवरी तक थाने में उन्हें अमानवीय यातनाएं दी गईं, लेकिन उन्हें कभी यह नहीं बताया गया कि उनके साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है।

18 फरवरी को प्रदर्शन, फिर भी नहीं हुई कोई कार्रवाई

इस घटना को लेकर 18 फरवरी को दलित संगठनों ने एसडीएम कार्यालय बिजोलिया में प्रदर्शन किया और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा। लेकिन अब तक किसी भी पुलिसकर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पीड़ितों के बयान तक दर्ज नहीं किए गए।

सोशल मीडिया पर तेज हुआ विरोध

इस मामले के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर #DismissBhilwaraSP ट्रेंड कर रहा है। लोग भीलवाड़ा एसपी को बर्खास्त करने और दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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