Rajasthan News: जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज (SMS Hospital) में हालात चिंताजनक हो रहे हैं। राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के कई वरिष्ठ डॉक्टरों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए आवेदन दिया है। ये कदम तब उठाया गया है जब पहले से ही राज्य के मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की भारी कमी है।

सूत्रों के मुताबिक, दर्जनों डॉक्टरों ने VRS के लिए आवेदन भेजे हैं, लेकिन सरकार ने अब तक किसी भी आवेदन पर निर्णय नहीं लिया है। सरकार को आशंका है कि अगर इन अनुभवी डॉक्टरों को सेवानिवृत्ति की अनुमति दी गई, तो अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा।
SMS मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी ने स्वीकार किया कि कुछ डॉक्टरों ने VRS के लिए आवेदन किया है। उन्होंने कहा, “इन आवेदनों को स्वीकार करना या न करना पूरी तरह सरकार पर निर्भर करता है। लेकिन अगर वरिष्ठ डॉक्टर सेवा छोड़ते हैं, तो इससे कॉलेज और अस्पताल की व्यवस्था निश्चित रूप से प्रभावित होगी।”
मंजूरी नहीं मिलने के बावजूद, पिछले कुछ वर्षों में कई डॉक्टर सरकारी सेवा छोड़कर निजी अस्पतालों से जुड़ चुके हैं। उनका कहना है कि लगातार बढ़ते प्रशासनिक दबाव, मरीजों की संख्या और सीमित संसाधनों के चलते पेशेवर संतुलन बनाए रखना मुश्किल हो गया है। हाल के महीनों में पूरे प्रदेश के 12 से ज्यादा सीनियर डॉक्टरों ने 25 से 30 साल की सेवा के बाद वीआरएस की इच्छा जताई है।
अगर इन आवेदनों को मंजूरी मिल जाती है, तो न्यूरोसर्जरी, कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और ऑन्कोलॉजी जैसे प्रमुख विभागों का कामकाज प्रभावित हो सकता है। विशेषज्ञों की कमी से इन यूनिटों का संचालन ठप पड़ने की आशंका है, जिससे गंभीर मरीजों को मिलने वाली सेवाओं पर सीधा असर पड़ेगा।
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